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- श्री चन्द्रर्षि महत्तर प्रणीत पंचसंग्रह (8) (उपशमनादि करणत्रय-प्ररूपणा अधिकार)
D हिन्दी व्याख्याकार स्व० मरुधरकेसरी प्रवर्तक मुनि श्री मिश्रीमल जी महाराज
0 दिशा निदेशक
मरुधरारत्न प्रवर्तक मुनि श्री रूपचन्द जी म० 'रजत'
0 संयोजक संप्रेरक
मरुधराभूषण श्री सुकनमुनि
- सम्पादक
देवकुमार जैन । प्राप्तिस्थान
श्री मरुधरकेसरी साहित्य प्रकाशन समिति पीपलिया बाजार, ब्यावर (राजस्थान)
। प्रथमावृत्ति वि० सं० २०४२ कार्तिक; नवम्बर १९८५ लागत से अल्पमूल्य १०/- दस रुपया सिर्फ
0 मुद्रण
श्रीचन्द सुराना 'सरस' के निदेशन में एन० के० प्रिंटर्स, आगरा
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