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श्रीमदाचार्य चन्द्रषिमहत्तर- विरचित
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पंचसंग्रह
[मूल, शब्दार्थ तथा विवेचनयुक्त ]
संक्रम आदि करणत्रय (संक्रम - उद्वर्तना - अपवर्तना करण ) प्ररूपणा अधिकार
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