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________________ संक्रम आदि करणत्रय-प्ररूपणा अधिकार : गाथा १ २५१ स्थानों में निक्षेप नहीं होता है । यानि अबाधा के अन्तर्गत जो स्थितिस्थान रहे हुए हैं उनके दलिक अबाधा से ऊपर के स्थानों में रहे हुए दलिकों के साथ भोगे जायें, वैसा नहीं होता है, परन्तु अबाधा का अबाधा में ही जिस क्रम से अबाधा के ऊपर के स्थानों के लिये आगे कहा जा रहा है, उस क्रम से उद्वर्तना और निक्षेप होता है, इसमें कुछ भी विरुद्ध नहीं है । इस प्रकार होने से उदयावलिकागत स्थितियों की भी उद्वर्तना प्राप्त होती है, अतः उसका निषेध करने के लिये उदयावलिकागत स्थितियों की उद्वर्तना नहीं होती, यह कहा है। अबाधा के स्थानों की उद्वर्तना अबाधा के स्थानों में ही हो सकती है। जैसे कि मिथ्यात्वमोहनीय की सत्तर कोडाकोडी सागरोपम स्थिति बंधी और उसकी सात हजार वर्ष प्रमाण अबाधा है तो सत्तागत उतनी स्थिति की उद्वर्तना का निषेध किया है। अर्थात् सात हजार वर्ष प्रमाण स्थानों में के किसी भी स्थान के दलिक सात हजार वर्ष के बाद भोगे जाने योग्य दलिकों के साथ भोगे जायें वैसे नहीं किये जाते हैं, किन्तु अबाधागत उदयावलिका से ऊपर के स्थान के दलिकों को उसके बाद के स्थान से प्रारंभ कर आवलिका को उलांधकर बाद के स्थान से सात हजार वर्ष के अंतिम समय तक के स्थानों के साथ भोगे जायें वैसे किये जा सकते हैं। इस प्रकार अबाधा के स्थानों की अबाधा के स्थानों में उद्वर्तना हो सकती है। मात्र उदयावलिका करण के अयोग्य होने से उसमें नहीं होती है । इसीलिये उसका निषेध किया है। यहाँ यह ध्यान में रखना है कि उद्वर्तना हो तब बंधसमय में हुई निषेकरचना में परिवर्तन होता है और जितनी स्थिति बंधे, उतनी ही स्थिति की सत्ता हो तब बद्धस्थिति की अबाधातुल्य सत्तागत स्थिति को छोड़कर ऊपर के जिस स्थितिस्थान के दलिक की उद्वर्तना होती है, उसके दलिक को उससे उपर के समय से आवलिका के समय प्रमाण स्थिति को छोड़कर ऊपर की बंधती हुई स्थिति के चरमस्थान तक के किसी भी स्थान के दलिक के साथ भोगा जाये, वैसा किया Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001904
Book TitlePanchsangraha Part 07
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1985
Total Pages398
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size18 MB
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