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________________ ( २८ ) १११ गाथा ४० ६६-१०१ प्रकृति बंधादि के लक्षण ६६ गाथा ४१ १०१-११० प्रकृतियों में दलिक-विभाग विधि ज्ञानावरण, दर्शनावरण, मोहनीय और नामकर्म में घातिअघाति अपेक्षा दल-विभाग का परिमाण उत्कृष्ट पद में प्रदेशों का अल्पबहुत्व जघन्य पद में प्रदेशाग्र-अल्पबहुत्व गाथा ४२ ११०-१११ रसभेद से मोहनीय, आवरणद्विक का प्रदेश विभाग ११० गाथा ४३ १११-११४ रसभेद की अपेक्षा मोहनीय कर्म की सर्वघातिनीदेशघातिनी प्रकृतियों के दल विभाग का विशद वर्णन रसबंध की प्ररूपणा के पन्द्रह अधिकार ११४ गाथा ४४ ११४-११८ अध्यवसाय, अविभाग प्ररूपणा ११४ अविभाग प्ररूपणा गाथा ४५ ११८ रस सम्बन्धी प्रश्न और उसका उत्तर गाथा ४६ ११८ -१२० वर्गणा प्ररूपणा ११८ गाथा ४७-४८ १२०-१२२ स्पर्धक प्ररूपणा १२० अन्तर प्ररूपणा गाथा ४६-५० १२२-१२७ स्थान, कंडक, षट्स्थान प्ररूपणा १२२ कंडक प्ररूपणा षट्गुणीवृद्धि का क्रम और स्वरूप १२१ १२३ १२४
SR No.001903
Book TitlePanchsangraha Part 06
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1986
Total Pages394
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size24 MB
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