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________________ विनम्र और मधुर हैं । तथा सदा हँसमुख रहकर सबको साथ लेकर चलते हैं । स्व० गुरुदेव श्रमण सूर्य मरुधर केसरी श्री मिश्रीमलजी महाराज के प्रति आपकी व समस्त परिवार की अटूट भक्ति रही है । आपके भाई श्रीमान मोहनलाल जी, मदनलाल जी एवं सोहन लाल जी आदि भी बड़े धार्मिक विचारों के उदार हृदय वाले हैं । आपके सुपुत्र श्रीमान हरकचन्द जी बड़े ही उत्साही युवक हैं । K. G. F. में आपका जवाहरात का बहुत विशाल व्यवसाय है । श्री मरुधर केसरी गुरु सेवा समिति, सोजत के आप कार्याध्यक्ष हैं । 'पर्युषण पर्व सन्देश' तथा पंच संग्रह भाग १ का प्रथम विमोचन गुरुदेव श्री की प्रथम पुण्य तिथि पर जैतारण में आपके कर-कमलों से सम्पन्न हुआ । विमोचन के उपलक्ष्य में आपने एक बड़ी धनराशि साहित्य प्रकाशन खाते में देने की घोषणा करके साहित्य प्रेम का अनुकरणीय उदाहरण रखा। आपका समस्त परिवार धर्म शासन की सेवा करता हुआ यशस्वी व दीर्घजीवी हो, यही मंगल भावना है । मंत्री आचार्य श्री रघुनाथ जैन शोध संस्थान जोधपुर : ब्यावर
SR No.001903
Book TitlePanchsangraha Part 06
Original Sutra AuthorChandrashi Mahattar
AuthorDevkumar Jain Shastri
PublisherRaghunath Jain Shodh Sansthan Jodhpur
Publication Year1986
Total Pages394
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Karma
File Size24 MB
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