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पंचसंग्रह : ५ इस प्रकार से स्थितिस्थानों और प्रसंगोपात्त संक्लेश एवं विशुद्धि स्थानों का कथन जानना चाहिये । उक्त समग्र कथन का दर्शक प्रारूप इस प्रकार है
क्रम
जीवभेद
स्थितिस्थान
संक्लेशस्थान बिशुद्धिस्थान
उससे
सूक्ष्म एके. अप. | पल्योपम असं. भाग | सर्वस्तोक | सर्वस्तोक
प्रमाण सर्वस्तोक बादर एके. अप. उससे संख्यातगुण असंख्यातगुण असंख्यातगुण सूक्ष्म एके पर्याप्त बादर एके. पर्याप्त | उससे द्वीन्द्रिय अपर्याप्त | उससे असंख्यातगुण __, पर्याप्त | उससे संख्यातगुण
त्रीन्द्रिय अपर्याप्त उससे | , पर्याप्त | उससे ६ चतुरिन्द्रिय अप. उससे | , पर्याप्त । उससे
असं. पंचे. अप. | उससे | , , पर्याप्त
संज्ञी पंचे. अप. ।
उससे
उससे
,
पर्याप्त | उससे
,
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