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( २६ ) पर्याप्त बादर एकेन्द्रिय के बंधहेतु के भंग
१०५ अपर्याप्त, पर्याप्त सूक्ष्म एकेन्द्रिय के बंधहेतु के भंग गाथा १६
१०७-१०६ कर्मप्रकृतियों के विशेष बंधहेतु
१०७ गाथा २० .
१०६-११४ तीर्थकर नाम और आहारकद्विक के बंधहेतु सम्बन्धी स्पष्टीकरण
१०६ गाथा २१
११४-११८ सयोगिकेवलीगुणस्थान में प्राप्त परीषह एवं कारण
तथा उन परीषहों के लक्षण गाथा २२, २३
११८-१२५ परीषहोत्पत्ति में कर्मोदयहेतुत्व व स्वामी परिशिष्ट बंधहेतु-प्ररूपणा अधिकार की मूल गाथाएँ
१२६ दिगम्बर कर्म-साहित्य में गुणस्थानापेक्षा मूल बंधप्रत्यय
१२७ दिगम्बर कर्म साहित्य में गुणस्थानापेक्षा उत्तर बंधप्रत्ययों के भंग गाथा-अकाराद्यनुक्रमणिका
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