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परिशिष्ट कर्मग्रन्थ भाग-१
श्वेताम्बरीय कर्म-विषयक-ग्रन्थ
रचना-समय
संख्या ग्रन्थ-नाम
कर्मप्रकृति कर्मचूर्णी
परिमाण गा. ४७६ श्लो. ७००० श्लो.१९२०
कर्ता शिवशर्मसूरि अज्ञात मुनिचन्द्रसूरि
कर्मचूर्णी
टिप्पन कर्मवृत्ति
श्लो. ८०००
मलयगिरि
कर्मवृत्ति
| श्लो. १३००० ।
श्रीयशोविजयोपाध्याय श्रीचन्द्रर्षिमहत्तर
अनुमान विक्रम अज्ञात, किंतु वि. १२ वि. की १२वा शताब्दी वि.की. १२-१३वीं शताब्दी वि।की. १८वी शताब्दी अनु.वि. की ७वी शताब्दी अनु.वि.की.७वीं शताब्दी वि.की १२-१३वी श. अज्ञात
| पञ्चसंग्रह
गा. ९६३
पञ्चस्वोपज्ञवृत्ति श्लो. ९०००
श्रीचन्द्रर्षिमहत्तर
पञ्चवृहद्वृत्ति पञ्चदीपक
| श्लो.१८८५० श्लो. २५००
मलयगिरिसूरि जिनेश्वरसूरि शिष्य वामदेव
गा. ५६७
गा. १६८ | श्लो. ९२२ श्लो.१०००
गर्गर्षि परमानन्दसूरि अज्ञात
। प्राचीन छह कर्म ग्रन्थ १.कर्मविपाक
कर्मवृत्ति कर्मविपाक व्याख्या कर्मटिप्पन २.कर्मस्तव
कर्मभाष्य कर्मभाष्य कर्मवृत्ति
श्लो. ४२० | गा. ५७ |गा. २४ गा. ३२ श्लो.१०९०
उदयप्रभसूरि अज्ञात अज्ञात अज्ञात श्रीगोविन्दाचार्य
वि. की. १०वी. श. वि.की १२-१३वीं श. अज्ञात, किन्तु वि. सं.१२७५ के पूर्व वि. १३वीं श. अज्ञात अज्ञात अज्ञात अज्ञात, किन्तु वि. १२८८ के पूर्व वि. १३वीं श. अज्ञात वि.सं. ११७२
कर्मटिप्पन ३.बन्धस्वामित्व वृत्ति
श्लो. २९२ ।। गा. ५४ श्लो. ५६०
उदयप्रभसूरि अज्ञात हरिभद्रसूरि
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