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कर्मग्रन्थभाग-२
१४३
बन्धयोग्य गुणस्थान
गुणस्थान
उदीरणायोग्य गुणस्थान
|सत्तायोग्य गुणस्थान
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१४८ उत्तर-प्रकृतियों के बन्ध, उदय, उदीरणा और सत्ता
का गुणस्थान-दर्शक यन्त्र क्रम से १४८ उत्तर-प्रकृतियाँ
के नाम | मतिज्ञानावरणीय २. श्रुतज्ञानावरणीय ३. अवधिज्ञानावरणीय | मन:पर्यवज्ञानावरणीय | केवलज्ञानावरणीय
| दर्शनावरणीय-९ ६. | चक्षुर्दर्शनावरणीय
| अचक्षुर्दर्शना. ८. | अवधिदर्शनावरणीय | केवलदर्शनावरणीय निद्रा
१ समय
१समय न्यून-१२
न्यून-१२ |११. | निद्रा-निद्रा १२. प्रचला
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१
१२
१२
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४|
१ समय
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१३. | प्रचला-प्रचला १४. स्त्यानर्द्धि
| वेदनीयकर्म-२ १५. | सातावेदनीय १६. असातावेदनीय
| मोहनीयकर्म-२८ १७. सम्यक्त्वमोहनीय १८. | मिश्रमोहनीय
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चौथे से सात चौथे से सात तीसरा-१ | तीसरा-१
०
* इसमें ७ को पूरा अङ्क और .. को एक सप्तमांश, अर्थात् ७ गुणस्थान और आठवें
के सात हिस्सों में से एक हिस्सा समझना। इस प्रकार दूसरे अङ्कों में भी समझ लेना।
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