________________
(१३)
विषय
गाथा
८७
८७
८८
९१
२३
९४
७
९८
९८
or
गुणस्थानों के नाम गुणस्थान का सामान्य स्वरूप मिथ्यादृष्टि गुणस्थान का स्वरूप सासादनसम्यग्दृष्टि गुणस्थान का स्वरूप सम्यग्मिथ्यादृष्टि गुणस्थान का स्वरूप अविरतसम्यग्दृष्टि गुणस्थान का स्वरूप देशविरत गणस्थान का स्वरूप प्रमत्तसंयत गुणस्थान का स्वरूप अप्रमत्तसंयत गुणस्थान का स्वरूप निवृत्ति गुणस्थान का स्वरूप अनिवृत्तिबादरसम्पराय गुणस्थान का स्वरूप सूक्ष्मसम्पराय गुणस्थान का स्वरूप उपशान्तकषायवीतरागछद्मस्थ गुणस्थान का स्वरूप क्षीणकषायवीतरागछद्मस्थ गुणस्थान का स्वरूप सयोगिकेवलि गुणस्थान का स्वरूप अयोगिकेवलि गुणस्थान का स्वरूप
बन्धाधिकार-१ बन्ध का लक्षण और मिथ्यात्व का प्रकृति-बन्ध सासादन का प्रकृति-बन्ध मिश्र का प्रकृति-बन्ध अविरतसम्यग्दृष्टि और देशविरति का प्रकृति-बन्ध प्रमत्त का प्रकृति-बन्ध अप्रमत्त का प्रकृति-बन्ध अपूर्वकरण का प्रकृति-बन्ध अनिवृत्ति का प्रकृति-बन्ध सूक्ष्मसंपराय का प्रकृति-बन्ध उपशान्तमोह, क्षीणमोह और सयोगिकेवली का प्रकृति-बन्ध बन्ध-यन्त्र
१०२
१०३
१०४
or
१०८
४-५
१०८
or
६-७
११० ११०
or
७-८
११०
११३
९-१० १०-११
११३
or
११३
१२
११५
११७
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org