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________________ आभार प्रदर्शन. वडोदरा आ वसुदेवहिंडी ग्रंथ जैनोना प्राचीनमां प्राचीन कथासाहित्यमांनुं एक अणमोलुं रत्न छे. तेनुं संपादनकार्य पूज्य प्रवर्तक श्रीमत्कान्तिविजयजी महाराजना विद्वान् शिष्यप्रशिष्य मुनि श्रीचतुरविजयजी महाराज तथा मुनि श्रीपुण्यविजयजी महाराजे पोताना अमूल्य वखतनो भोग आपी अनेक प्रतिओ मेळवी घणी ज महेनते कयुं छे. आ संपूर्ण ग्रंथ छपावतां जे खर्च थवानो छे तेना प्रमाणमां अमोने जे सद्गृहस्थो तरफथी आर्थिक सहाय मळी छे ते ओछी छे. अने आजना समयमां वधारे मदद माटे कोइने कहेवू घणुं अयोग्य लागवाथी सहायकोनी आज्ञाथी आ ग्रंथना उत्तरोत्तर भागो छपाय एवा उद्देशथी आ प्रथम खंडना प्रथम अंशनी पूरेपूरी किंमत राखवामां आवी छे. जे जे सखी सद्गृहस्थोए आ कार्यमां उदारता बतावी छे तेओनी शुभ नामावली नीचे आपीए छीए नामने नहिं इच्छनार एक सद्गृहस्थे कागळोनो खर्च आप्यो छे. १००० नामने नहिं इच्छनार एक सखी | ५०० शा० जीवणलाल कीशोरदास गृहस्थ १००० ५०० झवेरी मोहनलाल मोतीचंद पाटण. २५० श्रीज्ञानवर्धक सभा वेरावल. ह. १२०० पूज्यपाद आचार्य श्री १०८ श्रीवि शेठ खुशालचंद करमचंद. जयकमलसूरीश्वरना शिष्य मुनि. २५० शा० गोपालजी दयाळ सीहोर. वर्य श्रीनेमविजयजी तथा मुनि २०० संघवी नगीनदास करमचंद पाटण. श्रीउत्तमविजयजीना उपदेशथी २०० संघवी मणिलाल करमचंद पाटण. कपडवंजना शेठ मीठाभाई कल्या २०० शा० मोहनलाल चुनीलालनी णचंदना उपाश्रय तरफथी. ह० पत्नी बेन समुबाइ पाटण. शेठ प्रेमचंद रतनचंद तथा शा० १०० झवेरी बापुलाल चुनीलाल पाटण. न्यहालचंद केवळचंद. | १०० सौभाग्यवती बेन पार्वतीबाई ५०० शा० हिम्मतलाल दलसुख नसवाडी. जामनगर. आ प्रथम अंशने उंचा कागळोमा ( क्रॉक्स्ली लायन लेजर) अने निर्णयसागर जेवा जगत्प्रसिद्ध मुद्रालयमां छपावी प्रगटकरी विद्वद्वर्गना करकमलमां मूकवा अमो भाग्यशाली थया छीए तेनो बधो जस पूज्य संपादको अने सहायदाता उदार सद्गृहस्थोने ज घटे छे. ली. सेक्रेटरीश्रीजैन आत्मानंद सभा भावनगर. Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001888
Book TitleVasudevhindi Part 1
Original Sutra AuthorSanghdas Gani
AuthorChaturvijay, Punyavijay
PublisherAtmanand Jain Sabha
Publication Year1930
Total Pages210
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Story, & Literature
File Size18 MB
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