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- पढमो सग्गो
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विसुद्ध - सीले विम-च्छल-कमो ण को वि अम्हे छिविडं पअब्भइ । हम्मि तारा - णिअरे समुज्जले णिसंधआरो महलेइ किं भण ॥ ३० भुअ-पआवो भुअ-दप्पसालिणो रिव्रण मज्झे चि संपआसइ । हिरण - रेअस्स वि जाल-संचओ सअं समिधेरै किमिंधणं विणा ।। ३१ वअं वएसग्ग-सरा णिराउला स-सिक-भंडा सअडाहिरोहिणी । समुच्चलामो सअला वि संपअं सहाजिओ होज्ज स भोअ-भूवई ।। ३२
इआलवंती सह सीर - पाणिणा रहं समारोह देवई -सुओ । करग्ग-संवग्ग-पग्गहो जवा
स तस्स पडिम्मि अ गंदिणी -सुओ ।। ३३
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सुहं रहम्मि चित्र हम्मिओवमे । सअं सअंतो गमिऊण जामिणेिं । पगे समं सम्मिलिदेहि माहवो
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सणंद - गोव-मुहेहि पहिओ || ३४
१ M विणअ. २ M भुजप्पआवो. ३ M समिद्धेइ. ४ M वयं. ५ M पग्गवो.
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