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8. 7. 8.]
णायकुमारचरिउ जइ अत्थि बप्प संपइ जुवाणु
तो आणहि लहु महु धरहि पाणु। तं णिसुणिवि बोल्लिउ सुंदरेण
सलहिजइ सुयर्ण पुरंदरेण । सच्चउ सुंदरि वरु कामएउ
सञ्चउ जे रइपीईसमेउ। सच्चउ जि मयरचिंधेण जुत्तु
गुणवंतु जयंधररायपुत्तु । किं बहुएं आणमि करमि तेम
अट्ठमई दियहे तुह मिलइ जेम । भड एम भणेप्पिणु णवणवेण
गउ हत्थिणामपुरवरु जवेण । जे? एकोयरसंभवेण
जयंवम्मजयावइतणुरुहेण। ___10 वाले दक्खालिउ पत्थिवासु
एहु मझु भाइ जयलच्छिवासु। पणवई णियभिच्चहुं करहि करणु एवहिं पुणु एयहो तुहुँ जि सरणु । अक्खिउ वइयरु संचलिउ राउ परिढक्कबुक्कभेरीणिणाउ। उजेणि पत्तु पहु णेहघुलिउ
अद्धवहे गंपि जयसेणु मिलिउ । पइंसारिउ पुरे जयलच्छिणाहु लहु दिण्ण कण्ण विरईउ विवाहु। 15 ___घत्ता-पियदूयहो घयणहिं जोइवि' णयणहिं अवरोप्परिहिं जि लग्गई।
वहुवरई सुरत्तई बिण्णि वि तत्तई जिह लोहई तिह लग्गई ॥६॥
Mahavyala tells Nagakumara about Tilakasundari, the princess of Meghapura who had taken a vow of marrying one who could beat the tabor in harmony with
her dance. Nagakumara comes to Meghapura. णिवसंते संते संतयाहं
उजोणिहिं सेणिहिं सुहसयाहं । हरिखंधबंधु णीरंधु गणिउ
कामेण महावालंकु भणिउ। कोऊहलु किं पई मुणिउ बप्प
दाहिणमहियलि वड्डियवियप्प । भणु भणु तं णिसुणिवि भणइ भिञ्च किकिंधमलए कयैवइरिमिञ्च । मेहउरि मेहवाहणु णरिंदु
बुद्धिए सुरगुरु रिद्धिए सुरिंदु । पिय मेहवाल रइकइयवाल
सुय तिलयासुंदरि णीलबाल । जाणेप्पिणु चलपयवडणभंगु
णचंतिहिं जो वायइ मुंइंगु । सो णरवरु तहे मणमाणु महइ एही पइज जणु सयलु कहइ।
५E जुआणु. ६ AB सुयण, ७ AB omit this line. ८C omits this foot
९ CE पणमइ. १० D करुण, ११ E पयसारिउ. १२ E विरयउ. १३ E जोयवि. 7. १ DE सुणिउ. २ E कइ'. ३ E मुयंगु. ४ C पाइज; E पयज.
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