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पुष्फयंतविरइयउ
[8. 17. 11रइवइणा पुच्छिय दिण्णदिहि तेहिं वि भासिय वित्तविहि । जाया किंकर करवालधर
भुयबलपरियडियगरुयभर । किं इक्कु पयाबंधुरु सुकिउँ
भुंजइ अण्णु वि विहिणा विहिउ । घत्ता-बहुरमणिहिं बहुरयणहिं बहुभिश्वहिं बहुसयहिं ।
परियरियउ सो गंदा पुष्फयंतु जो वंदह ॥१७॥
इय णायकुमारचारुचरिए णण्णणामंकिए महाकइपुप्फयंतविरइए महाकम्वे विजाणिहिअछेयाभेयवीरलंभो णाम छटो परिच्छेउ समत्तो ॥
संधि ॥६॥
७ D गुरुव. ८ E सुकुउ. ९ Eरयणेहिं. १० D परियरिउ.
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