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3. 16. 15.]
णायकुमारचरिउ बहुमंडव मंडउल्ल उच्चालइ
खडयासीखेडय उद्दालइ। एम असेस देस जगडंतउ
भंडणलीलकील पयडंतउ। केलासहो होतउ जणपउरहो
आयउ वणकरिंदु कणयउरहो। __घत्ता-जिह महु मुहरुहहो तिह एयहु किं धवलत्तणु ।
__ भंजइ मंदिरइं करइ व करिंदु पिसुणत्तणु ॥ १५॥
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Sridhara's attempt to ward off the elephant and his discomfiture. Nagakumara
asks for a commission from the king. दुई-दुद्धरु दाणवंतु णो संकइ उवलसएहिं ताडिओ।
णेच्छंतहं पि देइ सो चप्पिवि मणुयहं रयणकोडिओ ॥ आराफुरियदंडमंडियकरु
तहिं अवसरि सइं धायउ सिरिहरु । सधउ सहरिकरि सरहु सकिंकरु वेढिउ सेण्णे चउदिसु कुंजरु । णं तारायणेण गिरिमंदर
तेण णरिंदहो लायउ भयजरु। गय गयदंतमुसलदलवट्टिय
लालाविंडि विहट्टिय लोट्टिय। तुरय तालवट्टे संघट्टिय
भडथड पर्यणहहय णिव्वट्टिय । धीर विणर णट्ठा रणे णायहो
जलहितरंग गाई गिरिरायहो। सिरिहरु पाण लएवि पलाणउ
अंकुसु धरिवि समुट्ठिउ राणउ । णिवघरिणिहिं कंदिउ कलुणुल्लउ को रक्खइ एवहिं कडउल्लउ । भीसणु णरतणु कड्डियवसरसु हत्थि ण होई माइ जमरक्खसु । अप्पं परिहूयउ सयलु वि जणु हा हा कहिं जीविउ कहिं किर धणु। ता एत्थंतरि साहंकारें
पेसणु मग्गिउ णायकुमारे। घत्ता-भो भो पुहवइ पोमाणग पोमिणिणेसर ।
दे आएसु महु हउं धरमि पीलु परमेसर ॥ १६ ॥
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७ D मंडल्लउ चालइ. ८ D °लु°. 16. १ ABE णेच्छंतइ. २ E °चंदिरु. ३ CE °हैं. ४ E पणयह°. ५ E णाय. ६ E कलणुल्लउ, CE पुहइवई. ८ E पउ°. ९ ८ जिणमि.
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