________________
दिया गया हो तो भी उसके बजाय दूसरा लड़का गोद लिया जा सकता है ( १२)। ___ यदि पति मर गया हो तो विधवा भी गोद ले सकती है (१३)। विधवा को अनुमति की आवश्यकता नहीं है (१४)। यदि दो विधवा हो तो बड़ी विधवा को छोटी विधवा की अनुमति के बिना गोद लेने का अधिकार प्राप्त है ( १५)। सास बहू दोनों विधवा हो ता विधवा बहू गोद ले सकती है (१६)। बशते कि दाय बहू ने पाया हो जो उसी दशा में सम्भव है जब पुत्र पिता के पश्चात् मरा हो। अभिप्राय यह है कि जायदाद जिसने पाई है वही गोद ले सकता है। जिसने जायदाद विरसे में नहीं पाई है वह गोद लेकर वारिस जायज़ को वरसे से महरूम नहीं कर सकता। विधवा बहू सास की आज्ञा से गोद लेवे (१७)। परन्तु यह भी उपदेश मात्र है न कि लाज़मी शर्त मालूम पड़ती है सिवाय उस अवस्था के जब कि सास जायदाद की अधिकारिणी है। ऐसी दशा में उसकी अनुमति का यही अभिप्राय होगा कि उसने विरसे से हाथ खींच लिया और दत्तक पुत्र वह जायदाद पावेगा। दत्तक
(१२) वध० २८; अह. ८८-८६ । (१३) " २८व३० " ५७ व १३२, भद्र० ७५ ।
(१४) अशरफ़ी कुँवर ब० रूपचन्द, ३० इलाहाबाद १६७ । शिवकुमार ब. ज्योराज २५ कल. वीकली नोटस २७३ P.C.। ज्योराज बनाम शिवकुँवर इं० केसेज़ ६६ पृ० ६५ । मानक चन्द ब० मुन्नालाल, ६५ पञ्जाब रिकार्ड १९०६ ई० = ४ इं० के० ८४४ । मनोहरलाल ब. बनारसी दास २६ इला० ४६५ ।
(१५) अशरफ़ी कु वर ब. रूपचन्द ३० इलाहाबाद १६७; अमावा ब० महदगौडा२२ बम्बई ४१६।।
(१६) भद्र० ७५; अह० ११०। (१७) भद्र० ११६ ।
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org