________________ 23. जंन दर्शन को रूपरेखा डा० कमलचन्द सोगाणो 24. जैन संघ की परम्परा और विकास 25. जैन कला की भूमिका 26. प्राकृत साहित्य : एक परिचय 27. अपभ्रश साहित्य : एक परिचय 28. संस्कृत का जैन साहित्य 29. राजस्थानी जैन साहित्य ग्रन्थ भण्डार 31. जैन धर्म और समाज 1. एक हजार रुपये से अधिक प्रकाशन खरीदने पर 40%कमीशन और संस्थान के प्रकाशनों का पूरा सेट खरीदने पर 30%दिया जाता है / 2. डाक-व्यय एवं पैकिंग व्यय पृथक से होगा। प्राप्ति स्थान : राजस्थान प्राकृत भारती संस्थान. यति श्यामलालजी का उपासरा, मोतीसिंह भोमियों का रास्ता, जयपुर-3 पिन कोड-302 003 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org