________________ टीका के अवतरणों की सूची अंगोवंगाण तिगं 1946 अग्निदहति नाकाशं (प्रमाणपा० प्र०प० 43) 1713 प्रग्निष्टोमेन पमराज्यं 1800 प्रग्निहोत्र जुहुयात् 1553, 1592 (मैत्रायणीसं० 1.8.7.) 1643, 1800, 1882 अपाम सोम (ऋग्वेद 6.4.11). 1866 प्रस्तमिते आदित्ये (बृहदा 4.3.6) 1598 अस्ति पुरुषोऽकर्ता 1553 प्रागमश्चोपपत्तिश्च 1660 पापो देवता (एतरेय ब्रा० 2.1.) 1689 पायुगभागो थोवो (बन्धशतक 89) 1943 इत्थं न किञ्चिदपि 2005 इन्द्र प्रागच्छ 1883 इह दृष्टहेत्वसम्भव 1920 ऊर्ध्वमूलं (योगशिखोपनिषद 6.14., भगवद्गीता 15.1) 1581 ऊसासं पायावं 1946 एक एव हि भूतात्मा 1581, 1953 (ब्रह्मबिन्दु 11) एकया पूर्ण याहूत्या 1643 (तैत्तिरीय ब्रा0 3.8.10.5) एगपएसो गाडं (पंचसंग्रह 284; 1941 बन्धशतक 87) एतावानेव लोकोऽयं (षड्दर्शन 1553 समुच्चय 81) एष धः प्रथमो यज्ञः (ताण्ड्य 1643 16.1.2) प्रोत्सुक्यमान (शाकुन्तल 5.6) 2005 कदाचित्कं यत्रास्ति 1643 कामस्वप्नभयोन्मादैः 1732 केवलसम्विदर्शनरूपाः 1975 को जानाति 1866, 1882 क्षणिकाः सर्वसंस्काराः 1674 गतं न गम्यते तावद 169 (माध्यमिक० 2.1) गहणसमयम्मि (कर्मप्रकृति 29) 1943 जरामर्य वेतत् 1974, 2023 जीवस्तथा (सौन्दरनन्दं 16.29) 1975 जोएण कम्मए (सूत्रकृ०नि०177) 1614 तत्र पक्षः न्यायप्रवेश पृ० 1) 1676 तथेदममलं ब्रह्म (बृहदा०भा०वा० 1581 3.5.44) दीपो यथा निति (सौन्दरमन्दं 1975 16.28) देह एवाऽयं 1576 द्यावा पृथिवी (तैत्तिरीय ब्रा० 1689 1.1.2) हादश मासाः (तत्तिरीय ब्रा० 1643 1.1.4) देब्रह्मणी 1974 नग्नः प्रत इवाविष्टः 2005 न-इव युक्त (परिभाषेन्दु 1851, 2018 शेखर 74) ना युक्तम् 1851 न दीर्धेऽस्तीह 1692 न रूपं भिक्षवः 1553 मह वै प्रत्य 1887, 1903 म हि वै सशरीरस्य 1553, 1591 (छान्दोग्य० 8.12.1) 1651, 1804 1861, 2015-23 नारको वा एष 1887 नित्यं सत्त्वं (प्रमाणवा0 3.34) 1848 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org