SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 274
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ शब्दकोशः २०९ परमपर-परमपर ( परमा गणधरदेवादयस्तेभ्योऽपि परिचत्त-परित्यक्त २. १. ३२ पर उत्कृष्ट इति टिप्पणम् ) १.१.१२ परिचुक्किअ-परिभ्रष्ट इत्यर्थे देशी ३. १७. ५ परमप्प-परमात्मन् २. ३७.१२ 'परिट्ठविअ-प्रतिष्ठापित २. २१. ४ परमप्पअ-परमपद १.१.१२ परिट्टा-प्रति + स्था (धातुः ) परममित्त-परममित्र ४.३०.४ परिट्ठिअ-प्रतिष्ठित १. ६. २० परमहंस-परमहंस ३. ३६. ११ परिणइ-परिणति ४. ८.८ परमागम-परम + आगम ( जिनशासन परिणम-परि + नम् (धातुः ) ४. १०.५ मित्यर्थः) १. १९. ९ परिणय-परिणत ४. १६. १ परमाणु-परमाणु ३. २८. ९; ४. १२. ७ परिणवंत-परि + नम् + शतृ ४. १२.८ परमेट्ठि-परमेष्ठिन् १. १. २ । परिणाम-४. १२. ११ परमेसर-परमेश्वर १. १३. १३ परिणाव-परि + नायय् ( नोधातौणिजन्तम् ) परमेसरि-परमेश्वरी २. २८.१२ १. २५.११ परमोवएस-परमोपदेश १. ७.५ परिणिय-परिणीत, परिणायित ४. २५. ८ परमंडलिय-पर+माण्डलिक १.४. १४ परितत्त-परितप्त ३. ९. ५ परयार-परदार ३. १०.३ परिता-परि + त्रै (धातुः ) ४, १८. ४ परलोय-परलोक २. १४. १० परिधाव-३. २९. ३ परवंचणयर-परवञ्चनकर ४.१४. ६ परिपक्क-परिपक्व १. ५. ९ परत्वस-परवश २.१.१ परिपाल-३. ६. ११ परसप्पर-परस्परम् १. २५. २० परिपुण्ण-परिपूर्ण १. ३. १५ परसमय-४.८.१० परिपोस-परि + पुष् (धातुः ) ३. २१. १४ परहियं-परहित २. २१. ११ परिप्पमाण-परि + प्रमाण ४. १२. ३ परंपर-परंपरा परिभम-परि + भ्रम् (धातुः) २. २४. १० परंपरा-३. ३४. ३ । परिभमिअ-परिभ्रान्त परंमुह-पराङ्मुख ३. ३१. १२ परिमट्ठ-परिमृष्ट ३. १०.९ पराइण्ण-परा + दा ( निष्ठान्तम् ) ४. १७. ४ परिमल-परिमल १.१२.१३ पराइय-परागत २. ३४.१ परिमाण-परिमाण १. ६.५ परायउ-परागतः ४. २७. ११ परियत्त-परित्यक्त ३. ५.६ परायण-परायण ४. २४.३ परियत्तण-परिवर्तन ३.२.२ परिअंच-परि + अञ्च ( भ्रमणे धातुः ) परियण-परिजन २. १२. १ १. १२. १४ परियम्म-परिकर्म २. २७.१४ परिओस-परितोष ३.१२.४ परियर-परिचर परिकरिय-परिकरित परियरिअ-परिचरित १. ५. २० परिक्खा -परीक्षा १. १८. २९ परियल-परितल (भाजन, पात्र, स्थाली) परिक्खिअ-परीक्षित २. २१. ९ परियलिअ-परिगलित २. ३३. ७ परिगण-परि + गण् (धातुः ) २. ८. ६ परियंच-परि + अञ्च् (धातुः ) ३. ७. ९ परिगल-परि + गल् (धातुः) १. २८. ५ परियंचिअ-पर्यञ्चित ( स्पृष्ट ) ४. १९. ५ परिग्गह-२. २२.१ परियाण-परि + ज्ञा ( धातुः ) ३. ५.१२ परिग्गहिअ-परि + गृहीत परियाणिय-परिज्ञात ४. ४.५ परिघुल-परि + घुल (धातुः ) ३. २६. १० परियाणियअ-परिज्ञात ( क ) ४. १२. १६ परिघोलिर-परिघोलनशील ३.१.११ परिरक्ख-परि + रक्षा २. २१. २ २७ Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001841
Book TitleJasahar Chariu
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorParshuram Lakshman Vaidya, Hiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages320
LanguageApbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy