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________________ देउल - देवकुल ४. २७. २० देव - देव १.४. ११ देउल - देवकुल २. १५. १ देवया - देवता २. ३०. ७; ३. १६. ७ देवर-देवर ४. २५. १२ देवरइ - देवरति (नामविशेषः ) २.१०.२ देवंगअ - देव + अङ्ग (क) २. ७. ८ देवाय रिअ - देव + आचार्य २. २२.४ देवालअ - देवालय १. १६. १४ देवाविअ - दापित ४. ४. ११ देवि-देवी १. ७. ८ देवघर - देवीगृह ४. १६. २० देविया - देवी (देविका ) देवी- देवी (विमलवाहन राज्ञीनाम) १. २५. ९ देस - देश १.३. ४ देसिअ -देशिक ( वैदेशिक ) १.२१. ८ देह - देह १. १३. ७ देहि देहिन् १. १३. ७ देहुण्अ - देह + उष्णता २. २८. ११ दोहं - द्वयोः ३. १३. ११ दोआसा - द्वि + आशा ३. १७.५ दोखंडीभूय - द्विखण्डीभूत ३. ७.१२ दोफालिय- द्वि + पाटित ( भोज्यविशेष) २. २४. १ दोर - तन्तुशब्दार्थ देशी ( मराठी - दोर, हि-डोर ) ३. २. १४ दोवास - द्विपार्श्व २. १३. २ दोस - दोष १. २४. १ दोसहारी - दोषहारिन् ४. ६.९ दोसायर-दोष + आकर ३. ३.८ दो सुज्झिअ - दोषोज्झित ( उज्झितदोष इत्यर्थः ) ४. २४. २ शब्दकोश: दोहग्ग - दुर्भाग्य १.२७. २७ दोहा विअ - द्विधाकृत २. ३५. ३ दोहरण - द्वैधीकरण (संशय इत्यर्थः ) १. २९.९ [ ध ] धगत्ति - अग्निज्वलनशब्दानुकरणे ३. १८. २ धगधग - अग्निज्वलनशब्दानुकरणे (धातुः ) ३. १३.४ धण - धन १. १. ५ घणघण्ण-धन + धान्य २. २६. १८ धण्ण - धान्य १ ११.२ Jain Education International धणहीण - धनहीन २. १७. ३ धणि- (तृप्ति, सन्तोष) २. ३६. ७ धणिय - धनिक ३. ४०. ११ धणु- धनुष् ३ १९. १ धणुलट्ठि - धनुर्यष्टि २. ९.४ धणुवे अ - धनुर्वेद ३. ३३. १० धम्म-धर्म १ १६ धम्म-धर्म ( पञ्चदशतीर्थंकरनाम ) १ २.८ धम्मचक्क - धर्मचक्रिन् धम्मझाण-धर्मध्यान (ध्यानप्रकार: ) ३. ३१. १ धम्मत्थकाम-धर्मार्थकाम ४. ६. ७ धम्मलाइ - धर्मलाभ ३. १७. १४ धम्मवाइ-धर्मवादिन् १.१.९ धम्मविज्ज - धर्मविद्या १. २०. ३ धम्मविद्धि-धर्मवृद्धि ४. २२. १७ धम्मंधिव - धर्माङ्घ्रिप ( धर्मवृक्ष इत्यर्थः ) २. १५. ८ धम्मक्खाण-धर्माख्यान १.१९.७ धम्मासत्त-धर्मासक्त १. १४. ४ धम्माहम्म-धर्माधर्म ४. १३. ६ धम्मिल्ल - धम्मिल्ल ( केशपाश: ) १५.४ धमुच्छाह - धर्मोत्साह ४. ३१. १३ धय-ध्वज १. २६.१० २०५ धयवड- ध्वजपट २. ३५.६ धर - धृ ( धातुः ) १.५. १८ धर - धरा ( पृथ्वी ) १. ५. १२, ४. २६. ८ धरणि-धरणी १. ३. ४ धरणिणाह - धरणीनाथ २. २५.९ धरणियल - धरणीतल २.५. १ धरपडिय-धरापतित २. २४. १२ धरवीढ-धरापीठ २. २५.६ धरा - १. १८. १२ धरायल-धरातल १. ७.२ धरिअ - धृत १. ३.४ धरिय - धृत १. ३.४ धरसमणि-धरासमाना २.१६. १० धवल - धवल १४.९ धवल - वृषभ ३ २१. २. धवल - धवल ( शुक्लवर्ण, सुधावर्ण ) १. २२. १ धवलच्छि - धवलाक्षी २.६.१८ धंस - ध्वंस ( धातुः ) २. १६.२१ For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001841
Book TitleJasahar Chariu
Original Sutra AuthorPushpadant
AuthorParshuram Lakshman Vaidya, Hiralal Jain
PublisherBharatiya Gyanpith
Publication Year1972
Total Pages320
LanguageApbhramsa
ClassificationBook_Devnagari & Story
File Size22 MB
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