________________
ज्ञानपीठ मूर्तिदेवी जैन ग्रन्थमाला : प्राकृत ग्रन्यांक-२०
श्रीमद्वट्टकेराचार्य प्रणीत
मूलाचार
भाग-२
[ श्री वसुनन्दी सिद्धान्तचक्रवर्ती द्वारा विरचित
आचारवृत्ति संस्कृत टीका सहित ]
हिन्दी टीकानुवाद आर्यिकारत्न ज्ञानमती जी
सम्पादन सिद्धान्ताचार्य पं. कैलाशचन्द्र शास्त्री
पं. जगन्मोहनलाल शास्त्री
डॉ. पन्नालाल जैन साहित्याचार्य
LHD PRODao
भारतीय ज्ञानपीठ
चतुर्थ संस्करण : १६६६ 0 मूल्य : १२०.०० रुपये
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org