SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 497
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ पुस्तक परिचय निशीथ-भाष्य एक महत्त्वपूर्ण विशालकाय आगम है। उसमें आचार के सभी अंगों का जीवन एवं देश-काल की परिस्थितियों के अनुसार सांगोपांग वर्णन किया गया है। आचार के साथ दर्शन, तत्त्व-ज्ञान एवं उस समय की सारंकृतिक, राजनैतिक, सामाजिक स्थिति का, रहन-सहन, रीति-रिवाज आदि सभ्यता का भी विस्तृत वर्णन मिलता है। वस्तुतः निशीथ, एक ज्ञान-कोष है। जो अब तक अलभ्य था। उपाध्याय श्री अमरमुनि जी एवं सहयोगी पं0 मुनि श्री कन्हैयालाल जी महाराज जी द्वारा इसका संपादन तथा सन्मति ज्ञानपीठ, आगरा द्वारा प्रकाशन हुआ था। उक्त संपादित निशीथ पर कुछ रिसर्च स्कॉलर पी0 एच0 डी0 भी कर चुके हैं। _भारत के मूर्धन्य विद्वानों एवं विशेष कर जर्मनी के कई पुरकालयों एवं विद्वानों की ओर से निरन्तर निशीथ की मॉग आ रही है, उसकी संपूर्ति के लिए 'निशीथ-सुत्रम्' का द्वितीय संस्करण मुद्रित किया गया था। प्रस्तुत आगम पर स्थविर पुंगव श्री विसाहगणी महत्तर का भाष्य और आचार्य प्रवर श्री जिनदास महत्तर की विशेष चूर्णि भी प्रकाशित हो रही है। सुप्रसिद्ध दार्शनिक विद्वान् पं0 दलसुख मालवणिया, अहमदाबाद 'निशीथः एक अध्ययन तथा सुप्रसिद्ध शोधकर्ता बी० बी० रायनाडे (उज्जैन) द्वारा इंग्लिश में लिखित समालोचनात्मक विस्तृत प्रस्तावना भी साथ में संलग्न है। पुस्तक की विद्वानों द्वारा मांग पर हमने इसका तृतीय संस्करण की कुछ प्रतियां छापी है ताकि गुरुदेव जी का नाम अमर रहे। प्रस्तुत ग्रन्थ चार भागों में डेमी साइज 8 पेजी लगभग 2000 पृष्ठ। तृतीय संस्करण मूल्य : 1000 रू० S ainelibrary.org Nain Education International
SR No.001829
Book TitleAgam 24 Chhed 01 Nishith Sutra Part 02 Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmarmuni, Kanhaiyalal Maharaj
PublisherAmar Publications
Publication Year2005
Total Pages498
LanguagePrakrit
ClassificationBook_Devnagari, Agam, Canon, Ethics, & agam_sanstarak
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy