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स्थविर - पुंगव श्री विसाहगणि महत्तर- प्रणीतं, सभाष्यं
निशीथ -सूत्रम्
आचार्य प्रवर श्री जिनदास महत्तर- विरचितया विशेष- चूर्णी समलंकृतम्
द्वितीयो विभागः उद्देशकाः 1-9
सम्पादक :
उपाध्याय कवि श्री अमरमुनि जी महाराज
व
मुनि श्री कन्हैयालाल जी महाराज " कमल "
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वाराणसी-1
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