________________
अर्हम्
स्थविर - शिरोमणि श्री विसाहगाणे - महत्तरविनिर्मितम्
निशीथ-सूत्रम्
[ भाष्य सहितम् ]
आचार्य प्रवर श्री जिनदास महत्तर विरचितया
विशेष-चूर्ण्या समलंकृतम्
Jain Education International
पीठि का
·
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org