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________________ जीवन को बदलने वाले तीन सूत्र समझ लेने जरूरी हैं। एक : एक भी सदगुण व्यक्ति में हो, तो शेष सारे सदगुण अपने-आप आना शुरू हो जाते हैं। एक भी दुर्गुण व्यक्ति में हो, तो शेष सारे दुर्गुण आना शुरू हो जाते हैं। एक सदगुण या एक दुर्गुण काफी है अपने सजातीय सभी बंधुओं को आपके जीवन में बुला लेने के लिए। सदगुणों में या दुर्गुणों में एक पारिवारिक संबंध है। एक सदस्य आ जाता है, तो शेष आना शुरू हो जाते हैं। किसी को जीवन में दुर्गुण साधने हों, तो सभी को साधना जरूरी नहीं है। एक को साध लेना काफी है। शेष अपने से सध जाते हैं। और यही सदगुणों के संबंध में भी सच है । एक सदगुण जीवन में आधार ले ले, उसकी जड़ें जम जायें, तो शेष सारे सदगुण छाया की तरह अपने आप चले आते हैं। बहुत को साधनेवाला भटक जाता है; एक को साधनेवाला सभी को साध लेता है। उपनिषदों ने कहा है; महावीर ने भी कहा है; एक के सध जाने से सब सध जाता है। यह जीवन-रूपांतरण का एक आधारभूत नियम है। मैंने सुना है कि मुल्ला नसरुद्दीन पर एक मुकदमा है; और जज उससे पूछता है, 'नसरुद्दीन, तुम शराब पीते हो?' नसरुद्दीन कहता है, 'नहीं, कभी नहीं।' "तुमने कभी चोरी की है ?' नसरुद्दीन कहता है, 'नहीं, कभी नहीं।' 'तुम कभी परायी स्त्री के साथ संबंधित हए हो? व्यभिचार किया है?' नसरुद्दीन कहता है, 'भूल कर भी नहीं। सोचा भी नहीं।' 'किसी को धोखा दिया है ? बेईमानी की है?' नसरुद्दीन इनकार करता चला जाता है। आखिर में जज पूछता है, 'क्या नसरुद्दीन, तुम्हारे जीवन में एक भी दुर्गुण नहीं ?' तो नसरुद्दीन कहता है, 'श्योर, देअर इज वन, आइ जस्ट टेल लाइज-सिर्फ झठ बोलना!' और वह जो उसने सदगुणों की सारी व्याख्या की है, वह सब मिट्टी में मिल जाती है। एक सभी को डुबा देता है; एक सभी को उबार भी लेता है। इसलिए व्यक्ति को बहुत की चिंता नहीं करनी चाहिए। और प्रत्येक व्यक्ति को अपने भीतर अपना आधारभूत दुर्गुण खोज लेना चाहिए। गुरजियेफ अपने शिष्यों से कहता था, तुम्हारे जीवन की जो सबसे बड़ी कमजोरी है, उसे तुम पकड़ लो, क्योंकि वही सीढ़ी बन 465 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001821
Book TitleMahavira Vani Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1998
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Religion
File Size12 MB
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