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________________ यह निःश्रेयस का मार्ग है रहे हैं। होश ही नहीं रहता और झूठ निकल जाता है। झूठ हमारी आत्मा हो गयी है। __कहते हैं, हिंसा छोड़ देंगे, इसको नहीं मारेंगे, उसको नहीं मारेंगे। लेकिन हिंसा भीतर है। ऊपर से छोड़ना बहुत कठिन नहीं मालूम पड़ता, लेकिन भीतर गहरे में दबा हुआ है। बहुत मजेदार घटनाएं घटती हैं। अभी मैं एक हिंदी के विचारक प्रभाकर माचवे का एक लेख पढ़ता था। बहुत मजा आया । क्षमा पर लेख लिखा है। उदाहरण जो दिया है, वह दिया है कि चर्चिल ने महात्मा गांधी के लिए कुछ अपशब्द कहे हैं, अपशब्द है कि गांधी भी क्या है, एक नंगा फकीर।। तो माचवे ने अपने लेख में लिखा है कि गांधीजी ने चर्चिल को उत्तर दिया-क्षमा का उदाहरण दे रहे हैं-गांधीजी ने उत्तर दिया कि आपने आधी बात तो ठीक कही कि मैं फकीर हूं। गरीब मुल्क का आदमी हूं और पूरा मुल्क मेरा फकीर है, उनका मैं प्रतिनिधि हूं इसलिए मैं फकीर हूं। लेकिन दूसरी बात आपने जरा ज्यादा कह दी। नंगा होना जरा मुश्किल है। और बाइबिल का एक वचन उद्धृत किया अपने पत्र में, जिसमें जीसस ने कहा है कि परमात्मा के सामने जो पूर्णतया नग्न है, वही नग्न है । तो गांधी ने लिखा है कि परमात्मा के सामने पूर्णतया नग्न होने की हिम्मत मेरी अभी भी नहीं है, लेकिन कभी यह आकांक्षा है कि उसके सामने परिपूर्ण नग्न हो सकू ताकि आपका वचन पूरा हो जाये। प्रभाकर माचवे ने लिखा है कि गांधीजी ने ऐसा जवाब देकर चर्चिल को खूब नीचा दिखाया । क्षमा का उदाहरण दे रहे हैं, क्षमा की चर्चा कर रहे हैं, लेकिन नीचा दिखाना... नीचा दिखाने का मजा ले रहे हैं। ___ पता नहीं, गांधी ने नीचा दिखाने के लिए जवाब दिया या नहीं दिया, लेकिन माचवे को खयाल में भी नहीं आ रहा है कि नीचा दिखाने में क्षमा हो कैसे सकती है! और नीचा दिखाना ही तो क्रोध है। कोई आदमी गाली देकर नीचा दिखा देता है और कोई आदमी क्षमा करके नीचा दिखा दे, तो भी वही बात है। क्योंकि नीचा दिखाना, वही तो हिंसा है। - अब यह तरकीब की बात है कि आप किस तरह नीचा दिखाते हैं। अगर आप किसी को क्षमा करके नीचा दिखा रहे हैं तो खयाल रखना कि यह क्षमा नहीं है। आप ज्यादा चालाक हैं, उस आदमी से ज्यादा बेईमान हैं जो गाली देकर नीचा दिखाता है। वह जरा अकुशल है। उसके ढंग नीचा दिखाने के सीधे-साफ हैं, आपके ढंग चालबाजी के हैं। घूम फिर के हैं। मझे पता नहीं कि गांधीजी ने नीचा दिखाने के लिए जवाब दिया होगा। लेकिन, जैसा माचवे कहते हैं, अगर नीचा दिखाया है तो फिर यह क्षमा नहीं है। तब चर्चिल ज्यादा ईमानदार और गांधी ज्यादा बेईमान हो जाते हैं। क्योंकि चर्चिल को लगता है कि नंगा फकीर, तो वह कहता है कि नंगा फकीर । इसमें ज्यादा ऑनेस्टी है, ज्यादा सच्चाई मालूम पड़ती है। लेकिन, अगर यह नीचा दिखाने के लिए जवाब दिया गया है तो ज्यादा बेईमानी दिखायी पड़ती है। लेकिन हमें खयाल नहीं आता कि हिंसा बहुत गहरी है, हिंसा बड़ी गहरी है। और अहिंसक होने की चेष्टा में भी प्रगट हो सकती है। और क्रोध बहुत गहरा है और अक्रोध में भी उसकी झलक आ जाती है। अपने को संकल्प से बदलना भी इतना आसान नहीं है। ___ मार्ग तो दोनों कठिन हैं, फिर भी अगर आप वह मार्ग चुन लें जो आपके व्यक्तित्व से मेल नहीं खाता तो असम्भव हो जायेगा; कठिन नहीं, असम्भव । अगर मीरा महावीर का मार्ग चुन ले तो असम्भव है। अपने ही मार्ग पर चले तो कठिन है, सरल नहीं। अगर महावीर मीरा का मार्ग चुन लें तो असभ्मव है, अपने ही मार्ग पर चलें तो कठिन है, सरल नहीं। ___ सरल तो कुछ भी नहीं हो सकता। इसलिए नहीं कि सत्य कठिन है, बल्कि इसलिए कि लाखों-लाखों जन्मों की हमारी आदतें कठिन हैं, उनको तोड़ना कठिन है । सत्य तो सरल है। सागर में गिरते समय नदी को क्या कठिनाई है? लेकिन नदी को आना पड़ता है हिमालय 129 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001821
Book TitleMahavira Vani Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1998
Total Pages596
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, & Religion
File Size12 MB
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