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मंगल व लोकोत्तम की भावना
1910 में जर्मनी की एक ट्रेन में एक पन्द्रह-सोलह वर्ष का युवक बैंच के नीचे छिपा पड़ा है। उसके पास टिकिट नहीं है। वह घर से भाग खड़ा हुआ है। उसके पास पैसा भी नहीं है। फिर तो बाद में वह बहुत प्रसिद्ध आदमी हुआ और हिटलर ने उसके सिर पर दो लाख मार्क की घोषणा की कि जो उसका सिर काट लाये। वह तो फिर बहुत बड़ा आदमी हुआ और उसके बड़े अदभुत परिणाम हुए, और स्टेलिन और आइंस्टीन और गांधी सब उससे मिलकर आनंदित और प्रभावित हुए। उस आदमी का बाद में नाम हुआ - वुल्फ मैसिंग। उस दिन तो उसे कोई नहीं जानता था, 1910 में। __ वुल्फ मैसिंग ने अभी अपनी आत्मकथा लिखी है जो रूस में प्रकाशित हुई है और बड़ा समर्थन मिला है। अपनी आत्मकथा उसने लिखी है - 'अबाउट माईसेल्फ'। उसमें उसने लिखा है कि उस दिन मेरी जिंदगी बदल गई। उस ट्रेन में नीचे फर्श पर छिपा हुआ पड़ा था बिना टिकिट के कारण। मैसिंग ने लिखा है कि वे शब्द मुझे कभी नहीं भूलते - टिकिट चेकर का कमरे में प्रवेश, उसके जूतों की आवाज और मेरी श्वास का ठहर जाना और मेरी घबराहट और पसीने का छूट जाना, ठंडी सुबह, और फिर उसका मेरे पास आकर पूछना - यंगमैन, यौर टिकिट?
मैसिंग के पास तो टिकिट थी नहीं। लेकिन अचानक पास में पड़ा हुआ एक कागज का टुकड़ा-अखबार की रद्दी का टुकड़ा मैसिंग ने हाथ में उठा लिया। आंख बंद की और संकल्प किया कि यह टिकिट है, और उसे उठाकर टिकिट चैकर को दे दिया। और मन में सोचा कि हे परमात्मा, उसे टिकिट दिखाई पड़ जाए। टिकिट चेकर ने उस कागज को पंक्चर किया, टिकिट वापिस लौटायी और कहा - व्हेन यू हैव गाट दि टिकिट, व्हाई यू आर लाइंग अंडर दि सीट? पागल हो! जब टिकिट तुम्हारे पास है तो नीचे क्यों पड़े हो? मैसिंग को खुद भी भरोसा नहीं आया। लेकिन इस घटना ने उसकी पूरी जिंदगी बदल दी । इस घटना के बाद पिछली आधी सदी में पचास वर्षों में जमीन पर सबसे महत्वपूर्ण आदमी था जिसे धारणा के संबंध में सर्वाधिक अनुभव थे।
मैसिंग की परीक्षा दुनिया में बड़े-बड़े लोगों ने ली। 1940 में एक नाटक के मंच पर जहां वह अपना प्रयोग दिखला रहा थालोगों में विचार संक्रमित करने का - अचानक पुलिस ने आकर मंच का परदा गिरा दिया और लोगों से कहा कि यह कार्यक्रम समाप्त हो गया। क्योंकि मैसिंग गिरफ्तार कर लिया गया। मैसिंग को तत्काल बंद गाड़ी में डाल कर क्रेमलिन ले जाया गया और स्टेलिन के सामने मौजूद किया गया। स्टेलिन ने कहा - मैं मान नहीं सकता कि कोई किसी दूसरे की धारणा को सिर्फ आंतरिक धारणा से प्रभावित कर सके। क्योंकि अगर ऐसा हो सकता है तो फिर आदमी सिर्फ पदार्थ नहीं रह जाता। तो मैं तुम्हें इसलिए पकड़कर बुलाया हूं कि तुम मेरे सामने सिद्ध करो।
मैसिंग ने कहा - आप जैसा भी चाहें। स्टेलिन ने कहा कि कल दो बजे तक तुम यहां बंद रहो। दो बजे आदमी तुम्हें ले जाएंगे मास्को के बड़े बैंक में। तुम क्लर्क को एक लाख रुपया सिर्फ धारणा के द्वारा निकलवाकर ले आओ। ___ पूरा बैंक मिलिट्री से घेरा गया। दो आदमी पिस्तौलें लिये हुए मैसिंग के पीछे, ठीक दो बजे उसे बैंक में ले जाया गया। उसे कुछ पता नहीं था कि किस काउंटर पर उसे ले जाया जाएगा। जाकर ट्रेजरर के सामने उसे खड़ा कर दिया गया। उसने एक कोरा कागज उन दो आदमियों के सामने निकाला। कोरे कागज को दो क्षण देखा। ट्रेजरर को दिया, और एक लाख रूबल। ट्रेजरर ने कई बार उस कागज को देखा, चश्मा लगाया, वापस गौर से देखा और फिर एक लाख रुपया, एक लाख रूबल निकालकर मैसिंग को दे दिये। मैसिंग ने बैग में वे पैसे अंदर रखे। स्टेलिन को जाकर रुपये दिये। स्टेलिन को बहुत हैरानी हुई! वापस मैसिंग लौटा। जाकर क्लर्क के हाथ में वह रुपये वापस दिये और कहा – मेरा कागज वापस लौटा दो। जब क्लर्क ने वापस कागज देखा तो वह खाली था। उसे हार्ट अटैक का दौरा पड़ गया और वह वहीं नीचे गिर पड़ा। वह बेहोश हो गया। उसकी समझ के बाहर हो गयी बात कि क्या
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