SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 619
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ । जीवन का ऋत् : भाव, प्रेम, भक्ति रोते हैं कि मेरी सीता कहां है; वृक्षों से पूछते हैं कि मेरी सीता कहां इसलिए तो दायां हाथ अगर सक्रिय होता है तो बायां निष्क्रिय गई—वह सिर्फ पूछना है, अभिनय है; भीतर कुछ भी नहीं है। होता है। जिसका बायां सक्रिय होता है उसका दायां निष्क्रिय भीतर तो उनकी सीता उनके घर है। अभिनेता हैं। राम तो वे हैं | होता है। क्योंकि दोनों हिस्सों में एक हिस्सा पुरुष का और एक भी नहीं। अभिनय है। हिस्सा स्त्री का है। आधा हिस्सा निष्क्रिय है, आधा हिस्सा जीसस की क्रोध की अवस्था भी करुणा की सेवा में किया गया सक्रिय है। और तुम्हारा आधा चेहरा अलग होता है और आधा अभिनय है। चेहर अलग होता है। गरजिएफ तो बहुत कुशल था क्रोध करने में। ऐसी घटनाएं हैं। तुमने कभी खयाल नहीं किया। तुम अपना चित्र उतरवाना जो बड़ी अनूठी हैं। कि गुरजिएफ धीरे-धीरे इतना कुशल हो गया और एक ही हिस्से के आधे-आधे चित्रों को जोड़ देना और तुम अभिनय में कि वह आधे चेहरे से क्रोध कर सकता था और आधे पाओगे कि तुम्हारा चेहरा बड़ा नया ढंग ले लेता है। बाएं चेहरे से करुणा। और कई दफा उसने लोगों को चकित कर दिया और के दो हिस्सों को जोड़ देना और दाएं चेहरे के दो हिस्सों को जोड़ दुविधा में डाल दिया। दो आदमी मिलने आये-एक बाएं बैठा | देना और तुम पाओगे: तुम दो आदमी मालूम पड़ने लगे और ये है, एक दाएं-तो वह आधे चेहरे से तो इस तरह देखता रहा जैसे दोनों आदमी तुमसे बिलकुल अलग मालूम पड़ते हैं। तुम्हारी कि हत्या कर देगा और आधे चेहरे से इस तरह देखता रहा कि एक आंख अलग है, दुसरी आंख अलग है। क्योंकि आधा फूल बरसते रहे। एक तरफ की आंख बड़ा प्रेम बरसाती रही शरीर बाएं मस्तिष्क से संचालित होता है, आधा दाएं मस्तिष्क से और दूसरी तरफ की आंख आग बरसाती रही। जब वे दोनों | संचालित होता है। लेकिन चूंकि तुम बहुत ज्यादा जुड़े हो शरीर आदमी मिलकर बाहर गए तो दोनों ने अलग-अलग वर्णन किया से, उससे दूर नहीं हो कि उपयोग कर सको। लेकिन गुरजिएफ गुरजिएफ का, कि यह तो आदमी बहुत दुष्ट और हत्यारा मालूम कर सकता है। महावीर कर सकते हैं। किया न हो, हो सकता होता है; यह तो ऐसा खतरनाक आदमी है कि अगर एकांत में है। लेकिन कर सकते हैं। जाये तो गर्दन दबा दे। दसरे ने कहा. तम कहते क्या हो? | महावीर क्रोध कर सकते हैं, लेकिन वह चेष्टा होगी और तुम पागल हो गए हो? जरा उसकी आंख तो देखते! कैसा । अभिनय होगा। और तुम भी करुणा कर सकते हो, लेकिन वह प्रेम! यह आदमी चींटी भी मार सकेगा? चेष्टा होगी और अभिनय होगा। क्रोध तुम्हारे लिए सहज है। ऐसा बहुत बार बहुत लोगों को हुआ। कुशलता इतनी गहरी हो कुछ करना नहीं पड़ता, अपने से होता है। किसी ने गाली दी, सकती है! बस हो गया। तुम्हें कुछ करना थोड़े ही पड़ता है। किसी ने गाली अगर तुमने शरीर से अपने को बिलकुल अलग कर लिया है। दी, बटन दबा दी–हो गया। करुणा करनी हो तो बड़ा तो शरीर का तुम यंत्रवत उपयोग कर सकते हो। तुम एक हाथ सोच-विचार करना पड़ता है, शास्त्र पढ़ने पड़ते हैं, सदगुरुओं हिलाते हो, दूसरा रोके रखते हो। इसी तरह एक आंख क्रोध कर के पास जाना पड़ता है, सत्संग करना पड़ता है, वचन, प्रतिज्ञा सकती है, एक प्रेम कर सकती है। चेहरे का एक हिस्सा कुछ | लेनी पड़ती है; और फिर-फिर छूटकर क्रोध हो जाता है। जरा कह सकता है, दूसरा कुछ कह सकता है। और इसके पीछे | भूल हुई कि क्रोध हुआ। बहुत होश रखो तो थोड़ी-बहुत करुणा वैज्ञानिक कारण है। क्योंकि तुम्हारे पास दो मस्तिष्क हैं, एक को तुम सम्हाल सकते हो। मस्तिष्क नहीं है। बायां मस्तिष्क अलग है, दायां मस्तिष्क इससे ठीक विपरीत दशा तीर्थंकर की है। करुणा सहज है, अलग है। दोनों की प्रक्रिया अलग है। और यह भी हो जाता है करनी नहीं पड़ती। तीर्थकर सोया भी रहे तो भी करुणा होती है। कभी कि अगर दोनों के बीच का छोटा-सा सेतु है, वह टूट जाये, तुमने कभी खयाल किया कि तुम सोते-सोते भी क्रोधित रहते तो एक आदमी में दो आदमी पैदा हो जाते हैं, स्प्लिट पर्सनैलिटी हो, बड़बड़ाते हो क्रोध में, मरने-मारने की धमकी देते हो! कभी हो जाती है। अपनी पत्नी को कहना कि जब तुम सोये हो, तुम्हारे चेहरे का तुम्हारा शरीर दो हिस्सों में बंटा है, इसे खयाल में रखना। | जरा अध्ययन करे। या तुम अपनी पत्नी के चेहरे का अध्ययन 609 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001818
Book TitleJina Sutra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1993
Total Pages700
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, K000, & K999
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy