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प्रश्न- सार
परंपरा-भंजक महावीर ने स्वयं को चौबीसवां तीर्थंकर क्यों स्वीकार किया ?
महावीर का स्वयं सद्गुरु, तीर्थंकर बनना व शिष्यों को दीक्षा देनाक्या उनके ही सिद्धांत के विपरीत नहीं है ?
वर्तमान शताब्दि में आप हमें कौन-सा शब्द देना पसंद करेंगे ?
आपके सामने दिल खोलूं कि नहीं खोलूं - मुझे घबड़ाहट होती है। और क्या मैं कुछ भी नहीं कर पाती ? मेरी हिम्मत अब टूटी जा रही है !
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