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________________ कल्प की अंतिम निष्पत्ति: समर्पण फूल फूल है; और गुलाब और कमल, फिर कोई फूल न रहे। क्योंकि उनकी और पुरानी परिभाषाएं थीं जिसमें वे नहीं बैठते लेकिन गुलाब भी फूल है, कमल भी फूल है, चंपा भी फूल है, थे। नया भगवान कभी भी पुराने भगवान वाली परिभाषा में नहीं चमेली भी। एक ही फूल शब्द सबके लिए उपयोग करते हो। बैठ सकता, क्योंकि वह परिभाषा उसके लिए बनी न थी। वह क्योंकि न तो रंग से फूल का कोई संबंध है, न आकृति से कोई परिभाषा किसी और के लिए बनी थी। अब जिन्होंने राम को संबंध है—फूल का संबंध तो खिलने से है, फूलने से है, | भगवान माना है, वे कृष्ण को कैसे भगवान मानें? इधर राम प्रफुल्ल होने से है, खुल जाने से। तो जो भी खुल जाता है, वही | हैं-एक पत्नीव्रता! इधर कृष्ण हैं-कहते हैं, सोलह हजार फूल है। गुलाब भी खुलता है, कमल भी खुलता है। गंध उनकी रानियां हैं! अनब्याही, दूसरों की ब्याही हुई स्त्रियों को भी | अलग, रंग अगल, रूप, ढंग अलग-इससे कोई लेना-देना उठा लाये हैं। यह कोई भगवान जैसी बात है? तो बहुतों को तो है, खुल गया; पूरा हो गया; जो छिपा कृष्ण लंपट ही मालूम होते हैं। बहुतों को राम भी कुछ बहुत था वह प्रगट हुआ; जो गीत अनगाया पड़ा था, वह गाया गया; ऊंचाई पर नहीं मालूम होते। जो नाच अभिव्यक्त नहीं हुआ था, अभिव्यक्त हो गया! तुम्हें मैं समझाने की कोशिश में कुछ उदाहरण दूं। भगवान बीजरूप से सभी भगवान हैं। फूलरूप से सभी भगवान हो | सभी को एक जैसा उपलब्ध है; जैसे सूरज का प्रकाश सब पर सकते हैं। तुम्हारी परिभाषा पर निर्भर है। तुम्हारी परिभाषा अगर पड़ रहा है। लेकिन कोई वृक्ष हरा मालू बहुत क्षुद्र और संकीर्ण है तो अच्छा ही है कि तुम मुझे उसके लाल मालूम हो रहा है, कोई फल सफेद है और प्रकाश सब बाहर रखो, क्योंकि उतनी संकीर्ण परिभाषा में जीना मुझे रुचेगा पर एक जैसा पड़ रहा है। भौतिकी, फिजिक्स के जानकारों का नहीं : तुम यही समझो कि यह आदमी भगवान नहीं है। लेकिन कहना है कि प्रकाश की किरण तो सब पर पड़ रही है। लेकिन तुम ध्यान रखना, अगर परिभाषा तुम्हारी बहुत छोटी है, तो तुम | जो पत्ते प्रकाश की हरी किरण को वापस लौटा देते हैं, वे हरे भी भगवान न हो सकोगे। तुम्हारी परिभाषा में अगर मैं नहीं समा मालूम हो रहे हैं। जो चीजें प्रकाश की किरणों को पूरा पी जाती सकता तो तुम कैसे समाओगे? | हैं, वे काली मालूम होती है। जो चीजें प्रकाश को पूरा का पूरा मित्र ने पूछा है कि 'आप तो हमें हम जैसे ही लगते हैं।' लौटा देती हैं, वे सफेद मालूम होती हैं। जो चीजें जिस किरण को तो यही दोष है कि मैं तुम्हें तुम जैसा लगता है। तो फिर तुम्हारा लौटाती हैं, वे उसी किरण के रंग की हो जाती हैं। अंधेरे में सभी क्या होगा? तुम जैसे लगने के कारण भी परिभाषा में नहीं वस्तुओं का रंग खो जाता है—यह तुम जानकर हैरान होओगे। समाता, तो तुम्हारी क्या गति होगी? तुम तो बिलकुल परिभाषा अंधेरे में तुम यह मत सोचना कि जो हरे वृक्ष थे, वे अभी भी हरे के बाहर पड़ जाओगे। मैंने तो चाहा है कि तुम्हें याद आ जाये कि होंगे-भूल में मत पड़ना। फिजिक्स कहती है, वृक्ष हरे नहीं तुम भगवान हो, लेकिन तुम्हारी कोई धारणा होगी। उस धारणा होते अंधेरे में। और यह मत सोचना कि जब अंधेरा होता है तो से मैं मेल न खाता होऊंगा। तुम अगर हिंदू हो तो कृष्ण...अगर गुलाब का फूल और चमेली का फूल अभी भी सफेद और लाल जैन हो तो महावीर...। निश्चित ही मैं नग्न नहीं खड़ा हूं, कपड़े होगा। गलती में हो तुम। रंग के लिए प्रकाश चाहिए। जब पहने हुए हं, तो महावीर तो है ही नहीं। तो उस अर्थ में भगवान अंधेरा होता है तो सब रंग खो जाते हैं; कोई वस्तु का कोई रंग नहीं हूं। निश्चित ही मैं बुद्ध जैसा नहीं हूं। और न ही किसी नहीं होता। न काली वस्तुएं काली होती हैं, न सफेद वस्तुएं बोधि-वृक्ष के नीचे बैठा हूं। निश्चित ही बुद्ध नहीं हूं। न कृष्ण | सफेद होती हैं; क्योंकि रंग वस्तुओं में नहीं है, रंग तो वस्तुओं जैसा है; मोरमुकुट नहीं बांधा, बांसुरी हाथ में नहीं है, पीतांबर और प्रकाश के बीच के अंतर्संबंध में है: जिस चीज में भोग की | नहीं पहना. तो कैसे कष्ण जैसा हं? तो तम्हारी परिभाषा में तो मैं गहन वत्ति है...। न आऊंगा। इसलिए हम राक्षसों को काला प्रतीक मानते रहे हैं। वह प्रतीक लेकिन तुम याद रखना, कृष्ण के समय में बहुत लोग थे जो बिलकुल ठीक है। जरूरी नहीं है कि रावण काला रहा हो, कृष्ण को भगवान नहीं मान सकते थे। नहीं माना था उन्होंने, लेकिन प्रतीक की तरह बिलकुल ठीक है। काले का अर्थ है : जो 265 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001818
Book TitleJina Sutra Part 1
Original Sutra AuthorN/A
AuthorOsho Rajnish
PublisherRebel Publishing House Puna
Publication Year1993
Total Pages700
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Sermon, K000, & K999
File Size25 MB
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