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सूत्र
अप्पा कत्ता विकत्ता य, दुहाण य सुहाण य। अप्पा मित्तममित्तं च, दुप्पट्ठिय सुप्पट्ठिओ।।२२।।
___ एगप्पा सजिए सत्तू, कसाया इंदियाणि य। ते जिणित्तु जहानायं, विहरामि अहं मुणी।।२३।।
एगओ विरइं कुञ्जा, एगओ य पवत्तणं। असंजमे नियत्तिं च, संजमे य पवत्तणं।।२४।।
रागे दोसे य दो पावे, पावकम्म पवत्तणे। जे भिक्खू रूंभई निच्चं, से न अच्छइ मंडले।।२५।।
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