SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 33
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ मस्तिष्क के उपर्युक्त रोगों को न्यूरोलोजिकल डिसओर्डर्स कहे जाते हैं । इसका उपचार न्यूरोलोजिस्ट या कोई भी सक्षम फिजिशियन कर सकता है । मन की बीमारियाँ या रोग को साइकियाट्रिक डिसओर्डर्स कहते हैं । जिसमें मुख्यतः डिप्रेशन, एन्कझाइटी, साइकोसिस, न्यूरोसिस, पर्सनालिटी प्रोब्लेम और मनोजातीय रोग इत्यादि शामिल है। इन सभी बीमारियों का निदान निष्णात सायकियाट्रिस्ट के पास करवाना चाहिए। सामान्यतः साइकियाट्रिक बीमारियों में सी.टी. स्कन, ई.ई.जी. और लम्बर पंक्चर इत्यादि जाँच का परिणाम नोर्मल होता है। कई बार दोनों अलग अलग रोग में एकसमान चिह्न आ सकते हैं, जैसे कि मनुष्य की प्रकृति में बदलाव आया हो तो हम मान लेते है कि डिप्रेशन हुआ है, लेकिन यह ब्रेइन ट्युमर (फन्टल या कोर्पस केलोझल ट्युमर) भी हो सकता है । ऐसा हो तो निदान में गंभीर भूल हो सकती है । इसलिए मरीज का विस्तृत तबीबी इतिहास पूछकर विगतपूर्ण शारीरिक जाँच करना प्रत्येक मानसिक केस में जरूरी होता है । कभी शंका हो तो दो जाँच - सी.टी. स्केन, ई.ई.जी करवाना अधिक लाभदायी है । लेकिन जल्दबाजी में मानसिक बीमारियों का लेबल लगाना गलत है ऐसा कह सकते है । सौभाग्य से ऐसी विडंबना शायद ही पैदा होती है। इस प्रकार सिर में होने वाला हर प्रकार का घाव; जैसे कि सड़क दुर्घटना, ऊँचाई से गिरने पर चोट लगना, सिर में किसी शस्त्र से हुआ घाव - इन सबमें अधिकतर तात्कालिक उपचार की जरूरत पड़ती है। जिसमें समय व्यय न करते हुए मरीज को तुरंत ही सार्वजनिक या निजि अस्पताल में ले जाकर तात्कालिक न्यूरोसर्जन द्वारा ट्रीटमेन्ट की व्यवस्था करनी चाहिए । Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy