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23 • मस्तिष्क की शस्त्रक्रिया (Neurosurgery)
257 में और उसमें भी कितना अंदर और कितने क्षेत्र में ऑपरेशन के लिए जाना पड़ेगा, उसका त्रिपरिमाणिय स्केच बनाकर और निकट में कोई रक्तनलिका को नुकशान न हो उसका ध्यान रखना है। यह सब पहलु का नियोजनप्लानिंग पहले से ही किया जाता है । (१) जैसे कि मस्तिष्क के बाहर के आवरण तक ही जाना हो तो उसे Burr
hole (बर होल) कहा जाता है, जिस में खोपड़ी में छिद्र किया जाता
है। सबड्युरल हीमेटोमा में ऐसा किया जाता है । (२) खोपडी का भाग काटकर खोलनेवाले ऑपरेशन को क्रेनीओटोमी और
क्रेनीएक्टमी कहते है । उसके द्वारा सीधा मस्तिष्क तक पहुँचा जा सकता है। करोड़रज्जु के मणके को आधा खोलें तो उसे हेमीलेमीनेक्टमी कहा
जाता है, संपूर्ण खोलो तो लेमीनेक्टमी कहा जाता है । (४) करोड के मणके में छिद्र करके छोटी-मोटी सर्जरी की जा सकती है।
मस्तिष्क और करोड़रज्जु जितने नाजुक और संवेदनशील है, उतने ही सुरक्षित है यह आगे बताया गया है। इस वजह से वहाँ पहुँचने के साधन अलग प्रकार से विकसित करने पड़ते है। सुसज्ज ऑपरेशन थियेटर से लेकर योग्य ऑपरेशन टेबल, सुआयोजित प्रकाश व्यवस्था की जरूरत पड़ती है। ज्यादातर ऑपरेशन माइक्रोस्कोप की मदद से अधिक ठीक किये जा सकते है। छिद्र करने के लिए तेज ड्रिल, अच्छे रिट्रेक्टर और योग्य कोटरी (रक्त बंद करने के लिए) की आवश्यकता पडती है।
कुछ गांठे पिघालने के लिए तेज अल्ट्रासोनिक सिस्टम का उपयोग होता है। ऑपरेशन दौरान भी अल्ट्रासाउन्ड से मोनिटरिंग करने से मस्तिष्क की गहराई में हुई खराबी और उसकी निश्चित जगह का पता चलता है ।
स्टीरीओटेक्सी के साधन मस्तिष्क और करोड़रज्जु में गहराई तक की गांठ की बायोप्सी करने और उसे दूर करने के लिए उपयोग में लिए जाते
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