SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 20
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चेतातंत्र संबंधित पार (Informatio माहिती ystem) मस्तिष्क, करोडरज्जु और उसमें से निकलने वाली चेताएँ और स्नायुओं तथा अन्य अवयवों के साथ उनका संकलन - इस संपूर्ण कार्यरचना को चेतातंत्र यानी कि "नर्वस सिस्टम' (Nervous System) कहा जाता है। मनुष्य अन्य प्राणियों से विशिष्ट और उत्कृष्ट है, उसका एकमात्र कारण मनुष्य की चेतातंत्र की रचना और उसकी पद्धति है । मुख्यतः मस्तिष्क का कोर्टेक्स (मस्तिष्क की बाहर का हल्के भूरे (Grey) रंग का पड) अतिविकसित और जटिल होता है। हालाँकि मनुष्य के अन्य अंग अन्य प्राणियों जैसे या उनसे निम्नस्तर के होते है, परंतु कोर्टेक्स की वजह से उन्हें अनन्य बुद्धिचातुर्य, तर्कशक्ति, शब्दशक्ति और स्मरणशक्ति प्राप्त हुई है। इस कोर्टेक्स में लगभग १०० अरब न्यूरोन्स (चेतकोषिका) होते हैं । एक अंदाज अनुसार सामान्य मनुष्य अपने मस्तिष्क का सिर्फ ३ से ५ प्रतिशत उपयोग करता है। मध्यम मनुष्य मस्तिष्क का लगभग ५ से १० प्रतिशत उपयोग करता है, परंतु जीनियस यानि विलक्षण मनुष्य मस्तिष्क का विशेष उपयोग करता है। इस पर से जान सकते है कि मनुष्य अपने मस्तिष्क का जितना अधिक सद्उपयोग करें, वह उतना अधिक सर्वोपरि बन सकता है । वयस्क मनुष्य के मस्तिष्क का वजन लगभग १२०० से १४०० ग्राम जितना होता है । इस तरह हमारा मस्तिष्क शरीर के कुल वजन का मात्र एक से दो प्रतिशत हिस्सा ही होता है । लेकिन शरीर को मिलनेवाली प्राणवायु की लगभग २५ प्रतिशत आपूर्ति और ग्लूकोज़ की ७० प्रतिशत आपूर्ति मस्तिष्क को आवश्यक होती है । निम्नस्तर के करोडरज्जुवाले प्राणियों के पास मस्तिष्क जैसा विकसित अंग नहि होने की वजह से उनके कार्य प्रेरणा आधारित होते है। इसलिए उनमें संवेदना नहीं होती है, जैसे कि मक्खी आदि । बड़े मस्तक वाले अधिक Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001801
Book TitleMastishk aur Gyantantu ki Bimariya
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSudhir V Shah
PublisherChetna Sudhir Shah
Publication Year2008
Total Pages308
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Science, & Medical
File Size17 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy