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मस्तिष्क और ज्ञानतंतु की बीमारियाँ संक्षिप्त में, तात्कालिक निदान, योग्य उपचार, देखरेख, संक्रमित बीमारियों से दूर रहने की जीवन पद्धति इत्यादि द्वारा मरीज की जीवनशैली
और आयु सुधारी जा सकती है । मरीज मानसिक रूप से स्वस्थ रह सकता है । इस रोग की जानकारी के लिए कुछ सरकारी अस्पताल में मुफ्त सलाह केन्द्र की सुविधा हैं और अब तो इन्टरनेट से भी यह जानकारी उपलब्ध है।
सुखियाँ
• एच.आइ.वी. नामक वायरस से होनेवाला यह रोग एक रोग नहि परंतु अधिक बिमारियों के समूह का निर्देश करता है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण होता है। हर एच.आई.वी. पोझीटीव व्यक्तिको एईड्स हो ये जरूरी नहीं हैं। एईड्स कई प्रकार से फैलता है, उसमें से मुख्य है - सजातीय या अनैतिक विजातीय संभोग, रोगी अपना रक्त अन्य को दे तब, रोगी महिला गर्भावस्था में हो तो उसके बच्चे को यह रोग होने की संभावना है । इन्जेक्शन की सूई या असुरक्षित सर्जिकल उपकरण से । एन्टीरीट्रोवायरल दवाई नियमित लेने से मरीज़ लंबे समय तक तंदुरस्त और स्वस्थ जीवन व्यतित कर सकता है। इस रोग की जानकारी के लिए कुछ सरकारी अस्पतालो में मुफ्त सलाह केन्द्र है और इन्टरनेट पर भी यह जानकारी मिल सकती है।
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