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13 - एईड्स (चेतातंत्र पर उसकी असर)
मस्तिष्क और चेतातंत्र के एईड्स संबंधित रोगों को मुख्यतः पाँच हिस्से में बाँटा जा सकता हैं :
(१) मस्तिष्क में एन्सेफेलाइटिस, हर्पिस सिम्प्लेक्स, वेरिसेला झोस्टर इन्फेक्शन, एईड्स डिमेन्शिया (याददास्त की बीमारी) कोम्प्लेक्स, मस्तिष्क के चयापचय संबंधित रोग, मस्तिष्क का टी.बी., लिम्फोमा, टोक्सोप्लाझमोसिस, पी.एम.एल., मवाद की गांठ, मस्तिष्क में सिफिलिस, मस्तिष्क
में फफूंद इत्यादि रोगों द्वारा अत्यंत एच.आई.वी. एन्सेफेलाइटिस
_ हानि हो सकती हैं। (२) स्पाइनल कोर्ड (करोड़रज्जु) में सूजन अर्थात् माइलाइटिस, माइलोपथी इत्यादि बीमारियाँ हो सकती है, जिससे मरीज का हलनचलन स्थगित हो जाता है ।
(३) मस्तिष्क के आवरणों अर्थात् मेनिन्जिस में संक्रमण होने से मेनिन्जाइटिस हो जाता हैं । उसमें टी.बी., सिफिलिस या फफूंद के जंतु हो सकते हैं, जिसके कारण मरीज बेहोश हो सकता हैं, मिर्गी आ सकती है या पक्षाघात हो सकता हैं।
___ (४) चेताओं-ज्ञानतंतुओ में सूजन आने से न्यूराइटिस हो सकता है जो संक्रमित जंतुओं, हर्पिस इत्यादि कारणों से होता हैं । इसके कारण पैर में जलन, चलने में तकलीफ और दर्द इत्यादि हो सकता हैं ।
(५) पोलिमायोसाईटिस और स्नायुओं संबंधित अन्य बीमारियाँ, जिसमें स्नायु कमजोर होते हैं ।
इस प्रकार एईड्स द्वारा शरीर में लसिकाग्रंथि से लेकर न्यूरोलोजिकल सिस्टम तक कई रोग हो सकते हैं । हृदय संबंधित बीमारीयाँ एईड्स के मरीजों में बहुत कम देखने को मिलती हैं ।
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