________________
२११
जैनधर्म और तांत्रिक साधना
-
अ.
सर्वचतुप दानं रक्ष रक्ष स्वाहा
-
-
श्री श्रेयांस नाथ अनाहत
यंत्र नं-११
, महाविझरश्रेयांसकरै भयंकरै स्वाहा
गौरी यक्षिसहितायमम
-
___ॐ णमोभगवदो
-
%
-
D
श्रेयांस नाथाय ईश्वर यक्ष अरहदोश्रेयांस सिझिधम्में भगवदोविज्झर
-
महापुछे पुखायै स्वाहा सिद्धिं कुरु कुरु स्वाहा
-
श्रीवासु पूज्य नाथ अनाहत
यंत्र नं-१२
ममसर्व कार्य भगवदो विज्झरमहाविज्झरपुछे सहिताय
ऊँ ह्री श्री वासु, ॐणमो भगवदो
पुज्यायकुमार यक्षगांधारी यक्षि अरहदो वासु पुज्य सिमधम्में
'मङ्गलम से साभार
Jain Education International
For Private & Personal Use Only
www.jainelibrary.org