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________________ ११२ जैनधर्म और तान्त्रिक साधना में साधुओं के लिये इसकी प्रतिदिन साधना करना आवश्यक माना जाता है। वर्धमान विद्या से सम्बन्धित मंत्र में मूलतः तो पंचनमस्कार मंत्र के साथ-साथ भगवान महावीर और चौदह लब्धिधारियों को नमस्कार किया गया है। वर्धमान विद्या के सम्बन्ध में अनेक आम्नाय प्रचलित हैं, इनमें पाठभेद एवं प्रस्थान भेद तो उपलब्ध होते हैं फिर भी मन्त्र की सामान्य विषयवस्तु में कोई विशेष अन्तर नहीं कहा जा सकता। वर्धमानविद्या के समान ही चतुर्विंशति जिनविद्या सम्बन्धी मंत्र भी अस्तित्व में आये, किन्तु ये विद्याएँ या मंत्र वर्धमानविद्या से परवर्ती हैं। वर्धमानविद्या का सामान्य मंत्र निम्न है वर्धमानविद्या (सामान्य साधुओं के लिए) नमो अरहंताण, नमो सिद्धाणं, नमो आयरियाणं, नमो उवज्झायाणं, नमो लोए सव्वसाहूणं । ॐ ह्रीं नमो भगवओ अरिहंतस्स महई महावीरवद्धमाणसामिस्स सिज्झउ मे भगवइ (महई) महाविज्जा । ॐ वीरे वीरे महावीरे जयवीरे सेणवीरे वद्धमाणवीरे जये विजये जयन्ते अपराजिए अणिहए ॐ ह्रीं स्वाहा । विशिष्ट वर्धमान विद्या (उपाध्यायों के लिए) ॐ ह्रीं हैं नमो जिणाणं १. ए ॐ ह्रीं नमो ओहिजिणाणं २, ॐ ह्रीं नमो परमोहिजिणाणं ३. ॐ ह्रीं नमो सव्वोहिजिणाणं ४. ॐ ह्रीं नमो अणतोहिजिणाणं ५. ॐ ह्रीं नमो कोट्ठबुद्धीणं ६. ॐ ह्रीं नमो पयाणुसारीणं ७. ॐ ह्रीं नमो संभिन्नसोयाणं ८. ॐ ह्रीं नमो चउदसपुवीणं ६. ॐ ह्रीं नमो अट्ठकुसलाणं १०. ॐ ह्रीं नमो विउव्वणइढिपत्ताणं ११. ॐ ह्रीं नमो विज्जाहराणं १२. ॐ ह्रीं नमो पन्न (पण्ह) समणाणं ३. ॐ ह्रीं नमो आगासगामिणीणं १४. ॐ ह्रीं क्रों क्रों यौं यौं स्वाहा । ॐ नमो भगवओ अरिहंतस्स महइ महावीरवद्धमाणसामिस्स सिज्जउ भगवई महई महाविज्जा ।। ॐ वीरे महावीरे जयवीरे सेणवीरे वद्धमाणवीरे महानंदणे सिद्धे सिद्धक्खरे सिद्धबीए अणिहए नायाद्योसे सारवन्ने घोससारे परमे परमसुहए जये विजये जयंते अपराजिए सव्वुत्तमे परमपयपत्ते स्वाहा ।। तीर्थंकरों से सम्बन्धित चतुर्विंशति जिन विद्याएँ और उनके फल (१) ॐ नमो जिणाणं १. ॐ नमो ओहिजिणाणं २. ॐ परमोहिजिणाणं ३. ॐ नमो सव्वोहिजिणाणं ४. ॐ नमो अणंतोहिजिणाणं ५. ॐ नमो केवलिजिणाणं Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001796
Book TitleJain Dharma aur Tantrik Sadhna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSagarmal Jain
PublisherParshwanath Vidyapith
Publication Year1997
Total Pages496
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Occult
File Size25 MB
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