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450 Dr. Charlotte Krause : Her Life & Literature
3d पितंमिप्र; 4d इछति; 5b चक्रमीष्टे; 5c प्राज्ञ्य; मंबगाह्यं; 5d लंमांबु; 6a डासयापि; 6d हरिकुरींगी; 7b चतुमामम; 7c तएवयंतु; 7d वतांरि; 8a स्तामि; 8c नाम्नमिते; 8d सार्व्व; 9a विभो; 9b भव्यांग; ताजित; 9d नुदविं; 10b दश्रुभ; 10c सुचिरंविलसश्वपास्य; 10d विकास; 11a यन; भवनं; 11b यत्वां; परिवहत्य; 11c भारयस्यघ; 11d जियिनात्म; 12a हरः प्रष्टतियोपिहतः प्रभावस्तं; 12b भवन्य; 12d सितुंकइछेत्; 13 नतुल्य; पनास्त्व; 13b वुराशि; 13d ये; रुचभि:; भिस्ते; 14b षोवि; 14c र्बिभांकिमहछसि; 14d पलास; 15b हत्क; 15c शशीरुचोशुवते; 15d कस्त्वांनि; संचिरतोधतीष्टं; 16a नाजि; भवनः; 16b मनाग्; 16d मंदि; शिषिरं; 17b तदेही ; 17c यस्मिंस्तमंप्रसमयन्नय; वत्ति:; 17d परस्त; जग्; 18b भाः वः; 18c नाचवोधा; 18d सुर्याः; यमहिमासमुनिंद्र; 19b राशे; 19c वोध; 20 शसये; भाव; 20b सांते; 20c निछंति; 20d नानैः; 21a कथंवाङ्मु; 21b यथासुस्तन; 21c महीमासुमणोस्त्र; 21d त्रुः क्रुलेपि; 22a गंभीरह; 22b विबुधात्वदाया:; 22c नयरे; 23b चामरम्; 23c यत्रेतरो; ममुत; भोः; 23d शतसो; 24a गंभीरगी; ज्वल; 24c गणोश्रेयतस्व; 25c लुपत्यशौककिशलासलताः मतस्त्रां; 26b छिंदे; नाघा; 26d भगवंनूपुरषोत्तमोशि; 27b ईव 27c नुवि; 27d सोष; 28b चंद्रांश्रुः 28c पैरलध्व; गमितैबिदूरै; 28d पिक्षितोसि; 29a श्रजो; त्रिद; 29c तिक्षीं; 29d शौक; यूषं; 30d द्रीसिशिव; रस्मै; 31a दूरगतस्तं; 31c तिरुणा; 31d मुच्चैस्टंकं; 32b मुचप्र; 32c आमास्त; वशै; भवानसंग; 32d मैश्व; 33b छिदो; 33c यैपि; 33d कांति; 34a र्द्धकेशबि; 34b सानही; 34c यातज; 34d शनो; 35a नादिषुः 35b भिन्नगस्मं 36b विषर्मेंमिरा; 37b नातर्बयोस्यपदन; 37d समय; 38b वशज्ज; 39d त्कीत्तिना; वासुः 40a त्वन्ना; सरण्य; 40d लभ्यंते; संख्यसारणंसरण; 41c क्रंभि; 42b त्वद्भक्तयो; 42c रुप्रत; 42d भिवंति 43a दंहीश; हाना; 43b तदाश्रुः 43c भजंती; निगवै; 43d मरु; खलु; 44a इक्षं; समाही; 44b णोच्छा; 44d वमम; धिते; 45a दृकुमदः प्रभोवी; 45c चरकाण; 45d सुमुयै; 46a सुंदवासवाली; 45b सदगुणोघ; 45c आसा; 45d भावः ।
4. Śankheśvara-Pārśvanatha-Stavana
2b स्फूर्ज्जता; 20 प्रशक्ते; 3c फणीफणा; 4a दुर्यवना; 6b प्रतिष्टाः; 9a युक्; 10c बीजं; 11c रुजू; 12a वस्त्रे; 13a खटा; 13b नोज्वलः; 13c धूमल; 14b सम्यक्ज्ञा; 16b जीवितमे; 17a श्रुती ।
5. Tirthamāla - Caityavandana
1a शेत्रुं शीख; भृगु; 1b सिंहे; अज्जाहरे; श्रीपुरे; 1c कोडीनाहडमंतृ; ( कोडी on margin ); अर्बुदे; 1d पल्ली; फलद्धी; शैरंसी; 2a चंपाराजचचक्रमथुराजोद् व्वाप्रतिष्ठानगे; 2b स्वर्णगीरौ; सुरगीरौ; देवके; 2c पाडलादशपूरे; 2d कर्णाटके
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