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उनकी सम्पत्ति पर कब्जा कर लेता है।
जीवन रेखा पर तिल
जीवन रेखा में शनि के नीचे तिल और जीवन रेखा दोषपूर्ण हो तो लकवे की सम्भावना रहती है। इनका जिगर खराब होता है और मृत्यु का कारण जिगर या लकवा ही होता है। सेना में होने पर ऐसे व्यक्तियों को गोली से मरने या इस प्रकार का भय उपस्थित होता है। इन्हें फूड पॉयजनिंग का भी भय होता है। जीवन रेखा अधिक दोषपूर्ण होने पर इनके परिवार में किसी न किसी को, जिसमें सन्तान भी सम्मिलित है, घबराना, दौरे पड़ना या इसी प्रकार का कोई रोग देखा जाता है। जीवन रेखा में सूर्य के नीचे तिल नेत्रदोष का संकेत है।
अन्य स्थान पर तिल
आख में तिल व्यक्ति की दृष्टि में विशेष आकर्षण पैदा करता है। ये पुरुष होने पर स्त्रियों और स्त्री होने पर पुरुषों को आकर्षित करते हैं। ये जातक धनी, शांत स्वभाव व सभी से प्रेम करने वाले होते हैं।
दोनों कन्धों पर तिल होने पर व्यक्ति सम्पत्ति-निर्माण तो करता ही है, पूर्वजों से प्राप्त सम्पत्ति का स्वामी भी होता है।
दायें हाथ की ओर गले पर तिल हो तो व्यक्ति का जीवन विवाह के बाद बनता है। ये विवाह के एक वर्ष या 6-7 वर्ष बाद तक उन्नति करते देखे गये हैं। इनके जीवन साथी भाग्यशाली होते हैं, परन्तु आपस में विचार विषमता रहती है। गले में बांई ओर तिल होने पर स्वनिर्मित होते हैं। इन्हें पानी में डूबने या ऊपर से गिरने का भय बना रहता है।
गले में ठीक बीचों-बीच सामने की ओर तिल होने पर व्यक्ति में आत्मशक्ति होती है। ऐसे व्यक्ति लम्बे समय तक बीमार रहकर मृत्यु प्राप्त करते हैं।
दोनों जंघाओं पर तिल होने से सवारी सुख होता है। ऐसे व्यक्ति के हाथ में विशेष भाग्य रेखा अवश्य होती है या यह कह सकते हैं कि विशेष भाग्य रेखा वाले व्यक्तियों की जंघाओं पर तिल होते हैं। पेट पर तिल वाले व्यक्ति अधिक खाने वाले होते हैं। अंगूठे के बीच के पोर पर जो (यव) जैसा चिन्ह होने पर उपस्थेन्द्रीय पर तिल होता है। स्तन के पास तिल होने पर व्यक्ति की सन्तान योग्य होती है। हथेली में शनि क्षेत्र में तिल हो तो धनी बनाता है।
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