SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 60
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ नाचने में रुचि रखते हैं। ये पुरुष होने पर स्त्री के और स्त्री होने पर पुरुष के कपड़े पहनने में विशेष प्रसन्नता का अनुभव करते हैं। हाथ सुन्दर होने पर इस प्रकार की कला से प्रसिद्धि प्राप्त करते हैं। शनि की उंगली पर तिल होना धनी होने का लक्षण है। इनको अग्नि-पथ होता है। ऐसे व्यक्ति पृथ्वी से सम्बन्धित व्यापार जैसे खनन, कोयला आदि करते देखे जाते हैं। तीसरी उंगली तीसरी उंगली या सूर्य की उंगली सीधी होने पर व्यक्ति में आत्मसम्मान, प्रसिद्धि या महत्व की भावना अधिक पाई जाती है। दोनों हाथों में यदि केवल सूर्य की उंगली ही सीधी हो तो ये धन की अपेक्षा सम्मान को अधिक महत्व देते हैं। सूर्य की उंगली विशेष लम्बी होने पर व्यक्ति में भविष्य चिन्तन की वृद्धि हो जाती है, तथा सूर्य की उंगली तिरछी होने पर सम्बन्धियों के कारण से विरोध तथा मन-मुटाव रहता है। इनको सम्बन्धियों की सहायता अधिक करनी पड़ती है, नहीं तो उनके विरोध का सामना करना पड़ता है। सूर्य की उंगली बड़ी होने की दशा में व्यक्ति कपड़े आदि की दुकानदारी या कमीशन का कार्य करने वाला होता है तथा शनि की उंगली भी सीधी होने पर ये उत्तम कोटि के साहित्यकार पाए जाते हैं। सूर्य की उंगली पर तिल हो तो व्यक्ति को पहले बदनामी और बाद में प्रसिद्धि प्राप्त होती है। सामाजिक कार्य कर्ताओं के हाथ में सूर्य की उंगली उत्तम होती है। सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बराबर होने पर व्यक्ति साधु स्वभाव के होते हैं। यह लक्षण उत्तम कोटि के सन्यासियों में पाया जाता है। ऐसे व्यक्ति सभी से उदासीन होते हैं। न किसी से विशेष प्रेम होता है और न ही वैमनस्य। हाथ में सचरित्रता व ईश्वर प्रेम के विशेष लक्षण होने पर सूर्य की उंगली बृहस्पति की उंगली के बराबर हो तो ऐसे व्यक्ति उत्तम कोटि के साधक होते हैं और ज्ञान मार्ग का अनुसरण करते हैं। इन्हें पूर्ण प्रभु कृपा प्राप्त होती है। सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बराबर होने पर यदि शुक्र उठा, जीवन रेखा सीधी या इसी प्रकार के वासनात्मक होने के अन्य कारण हों तो ऐसे व्यक्ति विशेष चरित्रहीन होते हैं। भाग्य रेखा में दोष अर्थात् विशेष मोटी या द्वीपयुक्त, जीवन रेखा सीधी, मस्तिष्क रेखा में शनि के नीचे दोष होने पर वेश्यावृत्ति करने वालों का लक्षण है। सूर्य व बृहस्पति की उंगलियां बराबर होना गृहस्थ सुख में बाधक है। इनके जीवन साथी की मृत्यु हो जाती है या अविवाहित रहते हैं। चौथी उंगली चौथी उंगली या बुध की उंगली का अध्ययन हाथ में विशेष महत्व रखता है। 59 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy