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________________ है तो यह द्वीप कहलाता है। (चित्र-48)। किसी भी रेखा में द्वीप होना अच्छा लक्षण नहीं है। इस प्रकार से जीवन रेखा द्वीप-युक्त होने पर उस समय में परेशानी, रोग, कर्ज, सन्तान का विछोह आदि की समस्याएं जीवन में आती हैं। जीवन रेखा का द्वीप जितना खराब फल आरम्भ तथा अन्त में करता है, उतना दूसरे स्थान पर नहीं करता। इससे बीमारी, मृत्यु, परिवार के झगड़े तथा अन्य नुकसान होना पाया जाता है। इस समय में शरीर ढीला, पेट में वायु का प्रभाव, वासनात्मक प्रवृत्ति आदि दोष देखे जाते हैं। इस अवस्था में सन्तान या तो होती नहीं और होती भी है तो लड़कियों की संख्या अधिक होती हैं। पत्नी को प्रजनन कष्ट होता है। कई बार दो सन्तानों के बीच में अधिक अन्तर देखा जाता है। हाथ सख्त होने पर जीवन रेखा में द्वीप हो तो गुर्दा, अपेन्डिसाइटिस आदि रोग या पौरुष ग्रन्थि का ऑपरेशन कराना पड़ता है। चित्र--48 जीवन रेखा में कहीं भी द्वीप हो, यदि उस द्वीप को कोई रेखा ढक लेती है तो बुरा फल कम होता है, केवल थोड़ी-सी मानसिक अशान्ति होकर ही खराब फल की समाप्ति हो जाती है, परन्तु यह दूसरी रेखा जीवन रेखा से बिल्कुल पास सटी हुई नहीं होनी चाहिए, यदि द्वीप चतुष्कोण से ढका हो तो फल नगण्य रह जाता है। जीवन रेखा में यदि गोल द्वीप हो, साथ ही मस्तिष्क रेखा भी दोषपूर्ण हो तो उस अवस्था में आंखें खराब हो जाती हैं। आंखों का ऑपरेशन, अन्धापन, रतौन्धी आदि रोगों की सम्भावना रहती है। जीवन रेखा के आदि और अन्त में द्वीप हो तो सारा जीवन कष्टमय रहता है, इन्हें बचपन में मां-बाप का सुख नहीं मिलता। जीवन रेखा में द्वीप होने पर यदि हाथ कोमल हो और हृदय रेखा में भी द्वीप हो तो टी. बी. हो जाती है। इसके साथ यदि शुक्र या चन्द्रमा आदि विशेष उठे हुए हो या शन व चन्द्रमा पर अधिक रेखाएं हों तो आंतों में टी. बी. होती है। स्त्री के हाथ में इस प्रकार का द्वीप होने पर चित्र-49 129 Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001758
Book TitleVruhad Hast Rekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajesh Anand
PublisherGold Books Delhi
Publication Year
Total Pages274
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Jyotish, L000, & L025
File Size16 MB
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