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________________ प्राचीन वस्तुओं की उपेक्षा न करें ! आपके पास पुराने नगनगीने, अनेक प्रकार के पत्थर (ज्वाहरात) भले ही वह टूटे-फूटे भी है अथवा हीरा, मोती, पन्ना पुखराज, माणिक, मूंगा या मंगे की मालायें । नीलम, गोमेद, लहसुनिया, रत्न, उपरत्न प्राचीन टूटे-फूटे पत्थर, तश्तरीनुमा प्लेट टाईप की चपड़ियां जो कि आपने अनुपयोगी करके घर में डाले हुए हैं, आप उन्हे लाकर हमें दिखायें । हम उनका मूल्याङ्कन कर देंगे । आप उनको बेचना चाहें तो हम खरीद भी सकते हैं। यदि आपको मूल्य में धोखा मालूम हो तो आप अच्छे से अच्छे पारखी से परखवाकर और दस जगह मूल्याङ्कन कराके हमारे हाथ अपनी वस्तुयें बेचें । ऊपर लिखी वस्तुओं के अलावा टूटे-फूटे आभूषण और पुराने समय के प्याले, कटोरे, गिलास, प्राचीन समय के पत्थर के झाड़फानूस, तख्तियों की अवश्य ही हमारे यहां जांच करायें। क्या मालूम उस पत्थर से ही आपका भाग्य उदय हो जाये ! जांच कराने का शुल्क नहीं लिया जायेगा । अधिक जानकारी हेतु मिलें या लिखेंयोगीराज मूलचन्द खत्री एवम् श्रीमती सुशीला खत्री शिव रत्न केन्द्र (रजि0) सन्तल सराय, ऊपरी मञ्जिल, गऊघाट, हरिद्वार Jain Education International G For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001754
Book TitleRatnagyan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorYogiraj Mulchand Khatri
PublisherShiv Ratna Kendra Haridwar
Publication Year
Total Pages90
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari & Science
File Size6 MB
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