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* रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * अरबी : लालबदख्शा। अंग्रेजी : रूबी (Ruby)। परिचय : माणिक्य गहरे लाल रंग का पारदर्शी (अर्थात् आर
पार देखने वाला) पत्थर है और चमकने वाला होता
है। हीरे के बाद यह सबसे ठोस रत्न है। माणिक्य के प्रकार-वैसे तो माणिक्य का वास्तविक रंग लाल होता है। फिर भी कई एक माणिक्यों में हल्के और गहरे रंग की आशायें भी होती हैं। इसलिये भी माणिक्य कई तरह का होता है। जैसे
१. सिंगरफ के रंग के समान का। २. सिन्दूर के रंग के समान का। ३. बीरबहुटी के रंग के समान का। ४. लाख के रंग के समान का। ५. लाल कमल के फूल के रंग के समान का। ६. गुलाबी रंग के समान का।
शास्त्रों के अनुसार माणिक्य की कई प्रकार की जातियाँ होती हैं। जैसे१. पद्मराग-यह अग्नि में जले सोने की तरह लाल रंग का चमकदार,
दीप्त आग की भाँति, अत्यन्त सुगन्ध वाला, यह मीठा होता है। २. सौगन्धिक-यह माणिक्य सरस तथा चकोर पक्षी के आँख की
तरह या फिर अनार के दाने की भाँति यह किंशुक के फूल की
तरह का होता है। ३. नील गन्धि- यह माणिक्य मूंगा, आलता, ईगुर अथवा कमल के
वर्ण का नीलाभ्य चमकने वाला होता है। ४. कुरुविन्द-यह माणिक्य पद्मराग व सौगन्धिक माणिक्य की
आभा से युक्त परन्तु इनसे छोटा व जल की तरह होता है। ५. जामुनिया-यह माणिक्य लाल कनेर के फूल के वर्ण का या
लाल रंग के जामुन की भाँति आभायुक्त होता है। माणिक्य की पहचान-सबसे अच्छा माणिक्य चिकना, पारदर्शक,
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