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★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★
ওও ५७. सीमाक : लाल, पीला, मटमैला, सफेद, पीले, गुलाबी छींटे भी। ५८. मूसा : सफेद-मटिया, खरल बनती है। ५९. तुरसावा : गुलाबी, पीत मिश्रित। ६०. अहवा : गुलाबी रंग पर बिन्दु। ६१. लाजावर्त : (लाजवरद) लाल रंग सोने के बिन्दु। ६२. कुदूएत : काला रंग, सफेद-पीले बिन्दु। ६३. आवरी : कालापन लिये सोने सा। ६४. चीती : सुनहरी बिन्दु, सफेद रेखा। ६५. संगेसम : अंगूरी और सफेद, कपूरी। ६६. मारवर : बाँस की तरह, लाल-श्वेत रंग मिश्र। ६७. लॉस : मारवर की जाति का धूमिल। ६८. दानाफिरंग : पिश्ते की तरह हल्का रंग। ६९. कसौटी : काला रंग (शालग्राम की तरह)। ७०. दारचना : दालचीनी का रंग, तस्वीह (माला में काम आता है)। ७१. हव्मीकुल-वाहार : हरे, पीलेपन सहित, जल में जन्म। ७२. पनघट : थोड़ा हरा-काला। ७३. आमलिया : कालापन एवं गुलाबीपन। ७४. डूर : कत्थई रंग। ७५. तिलेवर : काले रंग पर सफेद छींटा। ७६. खारा : हरेपन सहित काला। ७७. सीरखड़ी : मटिया रंग, घाव पर उपयोगी। ७८. ज़हरमोरा : सफेद सहित हरा (विषहर)। ७९. राव : लाल-सा लहसुनी रंग, रात्रि के ज्वर का नाशकारी है। ८०. सोहनमक्खी : नीला रंग। ८१. हजरते ऊद : सफेद मिट्टी जैसा रंग। ८२. सुरमा : काला रंग। ८३. पायजहर : बाँस की तरह रंग। ८४. पारस : काला रंग, सोना बनता है।
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