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★ रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान ★
रत्नों के प्रतिकूल/अनुकूल की परीक्षा विधि - कौन - सा रत्न धारण करना शुभकारक होगा या हानिकारक, इसके जानने के लिए निम्न विधि बहुत ही सरल है। नीचे एक चक्र बनाया गया है, जिसमें ८१ कोष्ठ चक्र हैं, जिसके कोष्ठकों में भिन्न-भिन्न अंक लिखे हुए हैं।
३४
६०
४३
२
६६
m
रत्न शुभाशुभ परीक्षा चक्र
६
५९
१ ५२
७३ ४
३१ ५७
२९
७
७१
५८
६१
१८
४४
२८ ३
२१
५६
४५
५४
४२
१७
८
१५
९
४८
२६
४७
६३
२३
४०
१३ ७४
५१
२७
५५
४१
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५
५०
२२
३५
३२
१४
११
७०
३७
१०
६८
४९
२५ ६९
३३
१२
६५ ७५ ३४ ७८ १९ ८० ३९ ६७ ७६
धारणीय रत्न को जानने के लिए अपने दाहिने हाथ की अंगुली को चक्र के किसी एक कोष्ठ में रखें । उस कोष्ठ में जो अंक लिखा हो उसमें ३ से भाग दें। यदि शेष १ बचे तो जो रत्न आप खरीदने के लिए तैयार हैं वह शुभ फल देने वाला है, २ अंक शेष बचे तो वह रत्न मध्यम फल देने वाला है । इसके अतिरिक्त कोई अन्य अंक शेष बचता है तो वह अशुभ फल को देने वाला है।
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२४
७९
२०
३६
१६
2
३०
८१
५३
७२
४६
६४
३८
७२
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