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* रत्न उपरत्न और नग नगीना ज्ञान * बच्चे को लाल कपड़ा पहनाना चाहिये तथा ताँबे का छल्ला भी पहनायें। मरकत अथवा पेरीडॉट पहनना भी लाभदायक है। गले में ताँबे की चेन भी धारण कराई जा सकती है।
मायोपिया __ जिस व्यक्ति को निकट की वस्तु तो स्पष्ट किन्तु दूर की वस्तु अस्पष्ट दिखती हैं, वे व्यक्ति 'मायोपिया' रोग से ग्रस्त होते हैं। मायोपिया रोग वंशानुगत भी पाया गया है। नेत्र-चिकित्सक के परामर्श अनुसार चश्मा या कान्टेक्ट लेंस बनवाकर इस नेत्र दोष से मुक्ति मिल सकती है। ___ ज्योतिषीय विचार-नेत्र सम्बन्धित समस्त रोगों का कारण सूर्य तथा चन्द्र हैं। सफेद मोती, मूनस्टोन तथा मूंगा धारण करने से इन रोगों का प्रभाव कम हो सकता है।
ब्रेन ट्यूमर आधुनिक युग का अस्त-व्यस्त तनावपूर्ण जीवन इस रोग ही देन है। इस रोग में मस्तिष्क के भीतर एक प्रकार की गाँठ निकल आती है जो धीमेधीमे एक फोड़े का रूप धारण कर लेती है, जिससे सिर में तेज पीड़ा होती है। प्रारम्भिक अवस्था में इस रोग के लक्षण अस्पष्ट रहते हैं, किन्तु रोग (ट्यूमर) बढ़ने के साथ सिर में तीव्र पीड़ा, चक्कर आना, बेहोशी, वमन इत्यादि लक्षण प्रकट होने लगते हैं। आँखों के आगे अँधेरा छाने लगता है। यह रोग लगभग असाध्य रोग है जो केवल शल्य-चिकित्सा द्वारा ही ठीक हो सकता है, परन्तु इसमें भी रोगी के जीवित रहने के अवसर कम ही होते हैं।
ज्योतिषीय विचार-दिमाग के ऊतकों पर बुध का अधिकार होता है। बुध पर यदि किसी भी पाप अथवा क्रूर ग्रह का प्रभाव पड़े तो इसका प्रत्यक्ष प्रभाव मस्तिष्क पर पड़ता है। मेष राशि का शुक्र भी इस रोग का कारक है, मेष का मंगल भी पूरी तरह पाप ग्रहों के प्रभाव में हो तो इस रोग के होने की संभावना बनती है। मेष राशि में शनि, राहु तथा केतु का योग भी ब्रेन ट्यूमर का कारण हो सकता है।
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