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विशेषावश्यकभाष्य के गणधरवाद एवं निह्नववाद की दार्शनिक
समस्याएँ एवं समाधान : एक अनुशीलन
A CRITICAL STUDY OF THE PHILOSOPHICAL PROBLEMS OF GANADHARAVAD AND NINHAVVAD THEIR RESOLAUTION AS
CONCTAINED IN VISHESHAVASHYAKABHASHYA
जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) लाडनूं के जैन विद्या और तुलनात्मक धर्मदर्शन विभाग में पी एच.डी. की उपाधि हेतु प्रस्तुत शोध प्रबन्ध
सत्र 2005-2006
शोधार्थी साध्वी विचक्षण श्री
मसारमाया
निर्देशक डॉ. सागरमल जैन
निदेशक प्राच्य विद्यापीठ, शाजापुर (म.प्र.)
जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय)
लाइD (राजस्थान) - 341 306
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