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________________ ॥ कल्याणकलिका. खं०२॥ ।। नव ग्रहपूजा विधिः ।। ॥ १२१ ॥ चंपो ग्रह पूजा- कोष्टक - ९ ग्रह | सूर्य चंद्र | मंगल बुध । बृहस्पति शुक्र | शनैश्वर | राहु आलेखन | रक्त चन्दन । चदन केसर चन्दन-केशर गोरोचन ____ चन्दन | कस्तुरी अगर अगर कस्तूरी| यक्ष-कर्दम कस्तूरी कंकु ___ कंकु पूजन केसर चन्दन-बरास | केसर बास-चूर्ण | चन्दन-वासचूर्ण | चंदन | मालती- | मचकुंद | बहुवर्ण पुष्पो लाल कणेर | जाइ-मोगरो | जासूल | सेवंत्रां | जाइ मोगरो दमणो | द्राक्षा | शेलडी | राती सोपारी| नारंगी जंबीर | बिजोरु | खारेक | नालिएर | दाडिम रक्त-लाल | श्वेत | लाल-कीरमजी| नीलुं पीलु । श्वेत | आस्मानी | कालुं श्याम-सोसनी चूरमानो लाडु | पैसीदलनो | गोल धाणीनो | मगनी दालनो | मोतियो लाडु | घेसीदल नो अडदनी | अदनी | तिलबटनो लाडु लाडू । लाडु ___ लाडु | दालनो लाडु | दालनो लाडु लाडु द्रव्यादि अक्षतपान, | अक्षतपान, चोखा पान, | चोखा पान, | चोखा पान, चोखा पान, चोखापान, चोखा पान, चोखा पान, त्रांबाना| त्रांबाना| त्रांबा नाणुं | त्रांबा नाणुं त्रांबानागुं त्रांबानाणुं | त्रांबानाणुं त्रांबा नाणुं| त्रांबानाj माला प्रवालनी । स्फटिकनी प्रवालनी । केरवानी केरवा बा | स्फटिक वा| अकलबेरनी| अकलबेरनी गोमेद वा । सोनानी रूपानी सिंदरीया स्फटिकनी फल G थाल नैवेद्य G ज ग्रह पूजन - ग्रहोर्नु पूजन पण ग्रहचित्रेला सेवनना पाटला उपर करवू. जो पाटलो आलेखेलो न होय तो तत्काल ज तेमां ९ कोठा करी एक For Private & Personal use only Jain Education International www.jainelibrary.org
SR No.001723
Book TitleKalyan Kalika Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKalyanvijay Gani
PublisherK V Shastra Sangrah Samiti Jalor
Publication Year1986
Total Pages660
LanguageSanskrit, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari, Ritual_text, Ritual, Shilpvastu, & Muhurt
File Size11 MB
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