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________________ OMR.MSCAMPARAMERCORMALARAMPARAMSARMERO श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट : मेहसाना द्वारा प्रस्तुत आजीवन सदस्य योजना क्या आप ऐसा साहित्य खोज रहे हैं, • जो आपके व्यक्तिगत जीवन को पवित्रता से भर दे ! जो आपके पारिवारिक जीवन को प्रसन्नता से भर दे ! ● जो आपके आसपास को आनन्द एवं उल्लास से भर दे ! तो आप एक काम कीजिये ! १००१/-रु. भरकर आजीवन सदस्य बन जाईये ! OTSMAV NIGAMEV ITSMARY TOPSMED "TPSMED TSMRPOSMEN OPMEV TIMEP "TSMAV OPMEN TPSMED TOPSMAY" हम आपको हमारे उपलब्ध हिन्दी-अंग्रेजी तमाम प्रकाशन भेज देंगे, सदस्य बनते ही ५००/रु. की किताबें आप को प्राप्त हो जायेगी। उपरान्त प्रतिवर्ष ४-५ नयी पुस्तकें नियमित भेजते रहेंगे । OTPSMEVTPSMENTSMEVOTISMENTSMAVTISMENTSMEVOTIMEPTEMEV TIMEV TIMEVIGEMENTIREVO आध्यात्मिक विकास के लिये तत्वचिंतन, स्वस्थ जीवन के लिए मौलिक चिंतन, भीतरी समस्याओं को सुलझानेवाला पत्र-साहित्य, जीवन के शाश्वत मूल्यों को उजागर करनेवाला कथा-साहित्य, बच्चों के लिये प्रेरणाप्रद सचित्र रंगीन साहित्य, यह सब प्राप्त करने के लिए सदस्यता फार्म मँगवाकर भरें। अथवा 'श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट, मेहसाना' इस नाम का ड्राफ्ट निम्न पते पर भेजें। पत्र व्यवहार :श्री विश्वकल्याण प्रकाशन ट्रस्ट कम्बोईनगर के पास, मेहसाना-३८४ ००२. (GUJARAT) @TIMEPOSMET COMEV PSMPO TIMEV TIMRP SMTV CSMPO Jain Education International For Private & Personal Use Only www.jainelibrary.org
SR No.001715
Book TitleGyansara
Original Sutra AuthorYashovijay Upadhyay
AuthorBhadraguptasuri
PublisherVishvakalyan Prakashan Trust Mehsana
Publication Year
Total Pages636
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari, Religion, & Principle
File Size11 MB
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